छत्तीसगढ़ की मलखंब टीम ने खेलो इंडिया बीच गेम्स में फिर गाड़े झंडे

रायपुर। केंद्र शासित प्रदेश दीव के घोघला बीच में 19 मई से 21 मई 2025 तक आयोजित प्रथम खेलो इंडिया बीच गेम्स में छत्तीसगढ़ ने मलखंब में अपने अद्वितीय प्रदर्शन से पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है। प्रतियोगिता के दूसरे दिन छत्तीसगढ़ की महिला मलखंब टीम ने 80.60 अंक प्राप्त कर स्वर्ण पदक जीत लिया। इससे एक दिन पूर्व छत्तीसगढ़ की पुरुष टीम ने 124.55 अंकों के साथ टीम चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया था।
इसके अलावा, पिरामिड प्रतियोगिता में भी पुरुष टीम ने 24.95 अंकों के साथ रजत पदक जीत कर प्रदेश की पदक संख्या में इजाफा किया। छत्तीसगढ़ मलखंब संघ के अध्यक्ष प्रेमचंद शुक्ला ने बताया कि छत्तीसगढ़ की महिला एवं पुरुष मलखंब टीमें अब राष्ट्रीय स्तर पर “मलखंब के सम्राट” के रूप में उभरती नजर आ रही हैं। यदि भविष्य में ओलंपिक खेलों में मलखंब को शामिल किया जाता है, तो छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी विश्व विजेता बनने की क्षमता रखते हैं। अब तक छत्तीसगढ़ ने खेलो इंडिया बीच गेम्स 2025 में 12 स्वर्ण और 6 रजत पदक, कुल 18 पदक हासिल कर लिए हैं। यह सफलता छत्तीसगढ़ मलखंब संघ के पदाधिकारियों और कोचों के अथक प्रयासों का प्रतिफल है। हालांकि, प्रदेश में मलखंब खिलाड़ियों को अभी भी आवश्यक संसाधन और आर्थिक सहयोग की कमी झेलनी पड़ रही है। सभी जिलों में इनडोर और आउटडोर स्टेडियमों की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही है।
छत्तीसगढ़ की स्वर्ण पदक विजेता पुरुष मलखंब टीम
- राकेश कुमार वढ़दा (नारायणपुर)
- मानू ध्रुव (नारायणपुर)
- राजेश सलाम (नारायणपुर)
- मोनू नेताम (नारायणपुर)
- संतोष सोरी (नारायणपुर)
- प्रतीक बंजारे (बिलासपुर)
छत्तीसगढ़ की स्वर्ण पदक विजेता महिला टीम
- मोनिका पोटाई (नारायणपुर)
- दुर्गेश्वरी कुमेटी (नारायणपुर)
- अनिता गोटा (नारायणपुर)
- सरिता पोयम (नारायणपुर)
- संतय पोटाई (नारायणपुर)
- रोशनी धीवर (बिलासपुर)
कोचिंग और प्रशासनिक टीम
छत्तीसगढ़ मलखंब टीम के अधिकारियों में डॉ. मिलींद भानदेव (कोच, बिलासपुर), सौरव पाल (कोच, नारायणपुर), पूनम प्रसाद (प्रबंधक, नारायणपुर) और मनोज प्रसाद (तकनीकी अधिकारी, नारायणपुर) शामिल रहे, जिनके मार्गदर्शन में खिलाड़ियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
पिछले बीच गेम्स में भी छत्तीसगढ़ ने जीता था स्वर्ण पदक
उल्लेखनीय है कि मलखंब भारत की प्राचीन परंपरा से जुड़ा हुआ खेल है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने “मन की बात” कार्यक्रम में प्रोत्साहित करते रहे हैं। गत वर्ष भी दीव में आयोजित बीच गेम्स में छत्तीसगढ़ के मलखंभ खिलाड़ियों ने पूरे भारत के प्रतिभागियों को पछाड़ते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया था और पदक तालिका में प्रदेश को शीर्ष स्थान पर पहुंचाया था। इस वर्ष भी उसी परंपरा को कायम रखते हुए, छत्तीसगढ़ की पुरुष एवं महिला मलखंभ टीमों ने शानदार प्रदर्शन कर स्वर्ण पदक जीतकर प्रदेश को गौरवान्वित किया है।
छत्तीसगढ़ के मलखंब खिलाड़ियों की इस उपलब्धि पर छत्तीसगढ़ की खेल संचालक तनुजा सलाम, सहायक संचालक अंजुलस एक्का, वरिष्ठ खेल अधिकारी शिवराज साहू, टी. एन. रेड्डी तथा छत्तीसगढ़ मलखंभ संघ के पदाधिकारियों — सुशांत शुक्ला (विधायक, बेलतरा), अनिल टाह (संरक्षक), प्रेमचंद शुक्ला (अध्यक्ष), डॉ. राजकुमार शर्मा (महासचिव), राजा सरकार, बिसन कसेर (उपाध्यक्ष), वीरेन्द्र तिवारी, अनिल सिंह (कोषाध्यक्ष), डॉ. मिलिंद भानदेव, मनोज प्रसाद, पूनम प्रसाद, सौरव पाल (नारायणपुर), चंद्रेश धृत, राजेन्द्र पटेल (सारंगढ़), किशोर कुमार वैष्णव (मनेन्द्रगढ़), पुष्कर दिनकर, अखिलेश नारंग (पामगढ़), पुरेन्द्र कोसरिया (रायपुर), प्रशांत तिवारी, पंचराम वस्त्रकार, कृष्ण प्रसाद यादव (मुंगेली), अंशु भारती, डॉ. प्रमोद यादव, कमल निकुंज, एस. के. शेषाद्री (अंबिकापुर), हरप्रसाद कैवर्त सहित अनेक गणमान्य जनों ने स्वर्ण पदक जीतने एवं चैंपियन बनने पर शुभकामनाएं और बधाई दी है।