हमर छत्तीसगढ़

दिल्ली में हुई घटना से सीख ले छत्तीसगढ़ सरकार: मेहताब हुसैन प्रदेश सचिव NSUI। छत्तीसगढ़ महतारी की पावन धरा में संचालित निजी कोचिंग संस्थानों में व्याप्त अनियमितताओं के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करे

छत्तीसगढ़ प्रदेश में अनेक ऐसी निजी कोचिंग संस्थान संचालित है जो शिक्षा के बाजारीकरण को बढ़ावा करने हेतु छत्तीसगढ़ के भोले-भाले छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ निरंतर खिलवाड़ करते चली आ रहा है उक्त निजी कोचिंग संस्थानों के साथ शासन का लचीलापन रवैया यह प्रदर्शित कर रहा है कि उनका भी शिक्षा के बाजारीकरण में समान योगदान है। उक्त निजी कोचिंग संस्थानों में व्याप्त अनियमितताएं निम्नानुसार है-

  1. उक्त निजी कोचिंग संस्थानों का भ्रामक एडवरटिस्मेंट कर भोले-भाले छत्तीसगढ़ के जनताओं का फीस के नाम पर मोटी धनराशि लेकर शोषण करना।
  2. उक्त निजी संस्थाओं में पर्याप्त अनुभवी शिक्षकों की अनुपलब्धता अर्थात् एक ही शिक्षक सैकडों की संख्या में छात्र-छात्राओं को पढ़ातें हैं जो कि पूर्णतः विधि विपरीत है। अर्थात् उक्त संस्थानों में पर्याप्त शिक्षक एवं छात्रों का अनुपात सुनिश्चित करना।
  3. उक्त संस्थाओं में अग्नि सुरक्षा से संबंधित उपकरणों की अनुपलब्धता एवं पर्याप्त निकास द्वार एवं आपातकालीन द्वार की अनुपलब्धता।
  4. उक्त कोचिंग संस्थाओं द्वारा लिये जाने वाले फीस हेतु न्यूनतम फीस निर्धारण हेतु कोई निति का निर्माण करना, जिससे गरीब छात्र-छात्राओं को भी उक्त संस्थाओं में पढ़ने का सामान अवसर प्रदान हो सके।
  5. उक्त संस्थाओं द्वारा जीवित पंजीयन की सत्यापित प्रति होने की अनुपलब्धता।
  6. उक्त कोचिंग संस्थान का व्यवसायिक परिसर में संचालित होना अनिवार्य है अर्थात् उक्त कोचिंग संस्थाओं का संबंधित प्राधिकारी के द्वारा दिये जाने वाले एनओसी प्रमाण की अनिवार्यता सुनिश्चित करना।
  7. उक्त कोचिंग संस्थाओं में फिजिकल हैंडीकैप्ड विद्यार्थियों के लिए उचित व्यवस्था का प्रबंध करना। 8. उक्त संस्थानों में व्यवस्थित पार्किंग की व्यवस्था होना सुनिश्चित करना ताकि यातायात से संबंधित कोई भी व्यवधान उत्पन्न न हो आवाजाही में।
  8. उक्त संस्थानों में लाइब्रेरी एवं फ्री वाई-फाई की व्यवस्था के साथ-साथ सुरक्षा के दृष्टि को मद्देनजर रखते हुए पर्यापत कैमरा एवं सुरक्षाकर्मियों की व्यवस्था सुनिश्चित करना। में मेडिकल फेसलिटि की अनुपलब्धता।
  9. उक्त निजी संस्थाओं में मेडिकल से संबंधित व्यवस्थाओं की अनुपलब्धता ।
  10. उक्त संस्थानों द्वारा लगातार लम्बे समय तक छात्र-छात्राओं को अध्ययन (क्लास लेना )कराना।
  11. उक्त संस्थाओं में हाईजीन मैंटेनेन्स युक्त कँटीन/मेस की अनुपलब्धता।
  12. पर्याप्त शौचालय (महिलाओं एवं पुरुषों हेतु पृथक – पृथक रूप से) की अनुपलब्धता।

अतः माननीय महोदय से निवेदन है कि उक्त कंडिकाओं की गंभीरता को मद्देनजर रखते हुए निरिक्षण कर विधि सम्मत कार्यवाही करने की आपसे अपेक्षा करते हैं एवं संगठन द्वारा यह चेतावनित किया जाता है कि यदि माननीय द्वारा नियत तिथि उपरांत उक्त विषय की गंभीरता को यदि नजरअंदाज किया जाता है तो इस संबंध में रायपुर NSUI के प्रत्येक कार्यकर्ताओं के द्वारा नियत तिथि उपरांत औचित्य निरिक्षण कर शिक्षा के बाजारीकरण के विरूद्ध उग्र आंदोलन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला उपाध्यक्ष वैभव मुजेवार, स्कूल यूनिट जिला अध्यक्ष शेख इमरान, मिहिर शर्मा, मिहिर भंसाली, प्रतिक ध्रूव, लक्की साहू, सुभम वर्मा, हर्ष नमन,सरफराज रिज़वी एवं अन्य साथी उपस्थित थे |

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