पल में सदियां जी आए… 84 सेकेंड में पूरा हुआ 500 सालों का इंतजार, अवधपुरी में रामलला विराजमान
अयोध्या में रामलला विराजमान हो गए हैं। 500 सालों का इंतजार 84 सेकेंडों में आज खत्म हो गया। भाव, श्रद्धा और आस्था का महापर्व इस दौरान पूरे देश में देखा जा रहा है। अयोध्या की तो छटा ही निराली थी, जहां पीएम नरेंद्र मोदी ने भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की तो वहीं तमाम मेहमान एकटक इस ऐतिहासिक क्षण को देखते रहे। इसके साथ ही 1528 से चला आ रहा रामजन्मभूमि का संघर्ष भी सुखद परिणति के साथ समाप्त हो गया। अब जहां कभी बाबरी ढांचा था, वहां भव्य राम मंदिर हो गया है। देश-दुनिया के आस्थावानों का जो अब केंद्र बनने वाला है।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रतिमा की आंखों पर बंधी प्रतीकात्मक पट्टी को भी खोला गया। इसके बाद सभी ने भगवान राम के दिव्य दर्शन किए और आसमान से करीब तीन मिनट तक पुष्प वर्षा होती रही। इस तरह 16 जनवरी को शुरू हुआ प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन 84 सेकेंडों के शुभ मुहूर्त में हुई पूजा के साथ समाप्त हुआ। प्राण प्रतिष्ठा की पूजा की सामग्री हाथों में लेकर पीएम नरेंद्र मोदी खुद पहुंचे। कुर्ता और धोती पहने और माथे पर तिलक लगाए पीएम नरेंद्र मोदी विधि-विधान से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करते दिखे।
पूजा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के बगल में आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत भी बैठे हुए थे। उनके अलावा यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, श्रीराजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महंत नृत्यगोपाल दास, अनिल मिश्र और डोमराजा भी मौजूद थे। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का पूरा आयोजन विधि-विधान के साथ पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित और उनके साथ 121 अन्य पुजारियों ने कराया। प्राण प्रतिष्ठा की पूजा के दौरान भारतीय सेना के हेलिकॉप्टर पुष्प वर्षा करते रहे। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दौरान रामलला की उस पुरानी मूर्ति की भी पूजा की, जिसे पुराने परिसार से निकालकर नए मंदिर में स्थान दिया गया है। इस प्रतिमा को रविवार रात को ही रखा गया था।
अयोध्या में रामलला के विराजने के साथ ही राम जन्मभूमि के मंदिर के लिए 500 सालों से चले आ रहे संघर्ष का भी पटाक्षेप हो गया है। प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में रामभक्तों में उत्साह का संचार देखा गया। रामलला के अवधपुरी को आगमन को आस्था ही नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति के लिहाज से भी युग परिवर्तनकारी माना जा रहा है।