केंद्र ने एनटीए के कामकाज पर उच्च स्तरीय पैनल का गठन किया
नई दिल्ली। यूजीसी नेट पेपर रद्द होने और एनईईटी पेपर लीक को लेकर आलोचना झेल रही केंद्र सरकार ने गुरुवार को अनियमितताओं के लिए नैतिक जिम्मेदारी ली और घोषणा किया कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के कामकाज पर एक उच्च स्तरीय पैनल का गठन किया जाएगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि एनटीए, इसकी संरचना, कामकाज, परीक्षा प्रक्रिया, पारदर्शिता और डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल को और बेहतर बनाने के लिए उस उच्च-स्तरीय समिति से सिफारिशें अपेक्षित है।
बिहार में कथित नीट पेपर लीक के मुद्दे पर श्री प्रधान ने कहा कि हम नीट यूजी पेपर लीक मामले के बारे में बिहार सरकार के संपर्क में हैं। पूरी रिपोर्ट जल्द ही उपलब्ध कराई जाएगी। सभी अपराधियों को दंडित किया जाएगा। मंत्री ने सभी को आश्वासन दिया कि सरकार छात्रों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार छात्रों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. हम पारदर्शिता से समझौता नहीं करेंगे।
श्री प्रधान की यह टिप्पणी कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा इस मुद्दे पर सरकार और प्रधानमंत्री पर हमला करने के कुछ घंटों बाद आई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि छिटपुट घटनाओं का असर छात्रों के करियर पर न पड़ने देंगे। नीट मुद्दे और यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने के संबंध में गांधी के बयान पर श्री प्रधान ने कहा, मैं फिर से अपने विपक्षी मित्रों से हमारी प्रणाली में विश्वास रखने की अपील करूंगा।
उन्होंने आगे कहा, हमारी सरकार हमारे छात्रों के भविष्य की बेहतरी के लिए पारदर्शिता के लिए 100 प्रतिशत प्रतिबद्ध है। मैं आपको फिर से आश्वस्त करता हूं कि हमारी सरकार द्वारा कोई कदाचार, कोई अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मंत्री ने कहा कि सरकार के संज्ञान में कुछ अनियमितताएं आई हैं और हम इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हैं। जिम्मेदारी लेते हुए हमें व्यवस्था को दुरुस्त करना होगा।
उन्होंने कहा कि जैसे ही यह स्पष्ट हो गया कि डार्क नेट पर यूजीसी-नेट का प्रश्नपत्र यूजीसी-नेट के मूल प्रश्न पत्र से खाता था, हमने परीक्षा रद्द करने का फैसला किया। गौरतलब है कि छात्र परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) पर प्रतिबंध लगाने और कथित पेपर लीक की जांच की मांग कर रहे हैं।