हमर छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड से मिली अनुदान राशि से बढ़ाया कारोबार

जांजगीर-चांपा ।  छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड जांजगीर-चांपा से जुड़कर युवा आत्मनिर्भर बन रहे हैं। साथ ही साथ बेरोजगारों को रोजगार भी मुहैया करा रहे हैं। युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत उन्हें अनुदान के रूप में राशि उपलब्ध करा रहे है। ऐसे ही जिले के अकलतरा विकासखण्ड की ग्राम पंचायत सराईपाली में रहते है नवनीत साहू। जो खादी ग्रामोद्योग की तरफ से उठाए जा रहे कदम से लाभ लेकर अगरबत्ती उद्योग के माध्यम से आगे स्वयं बढ़े बल्कि उन्होंने गांव की आठ से दस महिलाओं को भी स्वरोजगार प्रदान किया।

छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के माध्यम से दूर-दराज के गांवों  में लोगों को रोजगार मुहैया कराना है। योजना के माध्यम से युवाओं के लिए स्वरोजगार से जोड़कर को बेरोजगारी से मुक्ति दिलाने का कार्य किया जा रहा है। ऐसे ही अकलतरा विकासखण्ड की ग्राम पंचायत सराईपाली के रहने वाले नवनीत साहू हैं, जिन्होंने वर्ष 2022-23 में खादी ग्रामोद्योग की योजना का लाभ लेकर बैंक से लोन लिया और अगरबत्ती उद्योग की शुरूआत की। नवनीत बताते हैं कि अगरबत्ती का कार्य छोटे स्तर पर वह कर रहे थे, लेकिन मुनाफ उतना नहीं हो रहा था, ऐसे में एक दिन उन्हें खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा दी जाने वाली योजना के बारे में जानकारी मिली। फिर उन्होंने विभाग से सारी जानकारी एकत्रित की और अपना आवेदन किया। अगरबत्ती उद्योग लगाने के लिए उन्हें 12 लाख रूपए की लोन की जरूरत थी, आवेदन विभाग के माध्यम से बैंक में जमा किया और इसमें खादी ग्रामोद्योग के माध्यम से उन्हें 35 फीसदी अनुदान के रूप में 4.20 लाख रूपए प्राप्त हुई। इसके बाद उन्होंने अगरबत्ती बनाने की मशीन खरीदी और अगरबत्ती बनाने का सामान खरीदा और अपने व्यवसाय को बढ़ाया। वह बताते हैं कि मशीन आने के बाद कारोबार बढ़ गया और आसपास के व्यापारियों सहित अकलतरा, जांजगीर, बिलासपुर एवं रायपुर के व्यापारियों को अगरबत्ती बनाकर देने लगे। इस कार्य में उन्होंने गांव की आठ से दस महिलाओं को भी रोजगार मुहैया कराया है, जो गांव में रहते हुए आमदनी अर्जित कर रही है। प्रतिमाह सारे व्यय करने के बाद उन्हें 20-25 हजार रूपए की आमदनी हो रही है, जिससे वह अपने परिवार का पालन पोषण बेहतर तरीके से कर पा रहे हैं। नवनीत का कहना है कि स्वयं के व्यवसाय करने से आत्मसंतुष्ठि मिलती है और आगे बढ़ने का मौका भी मिला। वह सरकार की इस योजना के लिए धन्यवाद भी देते हैं और कहते हैं वह आसपास की महिलाओं को भी इस स्वरोजगार से जोड़ने का सतत प्रयास कर रहे हैं, ताकि सभी आत्मनिर्भर बनकर अपनी आजीविका अर्जित कर सकें।

Show More

Related Articles

Back to top button