खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को बढ़ावा देने 46 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान
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रायपुर । छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने बजट 2025 में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना की घोषणा की है। इस योजना के लिए राज्य सरकार ने 46 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया है। यह निर्णय राज्य में सूक्ष्म और लघु खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है।
छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है, जहां धान, दालें, तिलहन और अन्य खाद्य पदार्थों का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। इन उत्पादों के उचित भंडारण, प्रसंस्करण और विपणन की उचित व्यवस्था न होने के कारण किसानों को उचित लाभ नहीं मिल पाता। इसीलिए सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए यह योजना शुरू की है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और किसानों को उनके उत्पादों का सही मूल्य मिल सकेगा।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना केंद्र सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसे 2020 में लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य पारंपरिक और सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को तकनीकी, वित्तीय और विपणन सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत एकल इकाइयों को 35% तक की अनुदान सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें अधिकतम 10 लाख रुपये की सब्सिडी दी जा सकती है।
इसके अलावा, स्वयं सहायता समूहों और किसान उत्पादक संगठनों को भी आर्थिक एवं प्रशिक्षण सहायता दी जाती है। राज्य सरकार द्वारा 46 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान के साथ यह योजना छत्तीसगढ़ में खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के लिए वरदान साबित होगी। इस योजना से किसानों द्वारा उत्पादित अनाज, फल एवं सब्जियों को सीधे बाजार में बेचने के बजाय उन्हें स्थानीय स्तर पर ही प्रसंस्करण करने से उनकी कीमत बढ़ेगी। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विस्तार से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में नए रोजगार सृजित होंगे।
स्थानीय स्तर पर छोटे उद्योगों को वित्तीय सहायता मिलेगी, जिससे वे प्रतिस्पर्धा में बने रह सकेंगे। उन्नत तकनीकों के उपयोग से खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और शेल्फ-लाइफ बढ़ाई जा सकेगी। इस योजना के तहत महिलाओं द्वारा संचालित छोटे व्यवसायों को विशेष रूप से समर्थन दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बजट 2025 में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के लिए 46 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान करना राज्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह योजना किसानों, उद्यमियों, स्वयं सहायता समूहों और महिला उद्यमियों के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करेगी। यदि इस योजना का सही ढंग से क्रियान्वयन किया जाए, तो इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा।