सियासी गलियारा

भाजपा-कांग्रेस दोनों पार्टियां जीत और सरकार बनाने को लेकर सियासी

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की  3 दिसंबर को मतगणना के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि आखिर प्रदेश में भाजपा-कांग्रेस में किस पार्टी की सरकार बन रही है। लेकिन इसके पहले भाजपा-कांग्रेस दोनों पार्टियां जीत और सरकार बनाने को लेकर सियासी माथापच्ची लगी हुई हंै। भाजपा ने जहां पांचवीं बार सत्ता में आने के लिए पूरा जोर लगाया है, तो कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी है। हालांकि अभी चुनाव के नतीजे नहीं आए हैं, लेकिन भाजपा-कांग्रेस दोनों पार्टियों ने चुनाव के दौरान पार्टी को नुकसान पहुंचाने वालों की कुंडलियां तैयार करना शुरू कर दिया है। हम बता दें कि भाजपा-कांग्रेस दोनों पार्टियां और उनके उम्मीदवार चुनाव के दौरान पूरे समय अपने-अपने नाराज नेताओं-कार्यकर्ताओं और भितरघातियों से जूझते नजर आए।

 चुनाव में कई पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं ने खुलकर पार्टी विरोधी कार्य किया, तो कई पार्टी उम्मीदवारों को भीतर-भीतर ही कमजोर करने में जुटे रहे। हालांकि भाजपा संगठन और वरिष्ठ नेताओं ने नाराज नेताओं-कार्यकर्ताओं को साधने की हर संभव कोशिश की। लेकिन इसके बावजूद कई बगावती तेवर दिखाते हुए खुलकर मैदान में आ गए, तो कई नेता पार्टी में रहकर पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के साथ भितरघात करते रहे। हालांकि भाजपा ने चुनाव के दौरान संगठन विरोधी कामों में संलग्र रहे, ऐसे कई नेताओं-कार्यकर्ताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। तथा अब भितरघातियों की पड़ताल कर विधानसभावार सूची तैयार कराई जा रही है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मिलन भार्गव कहते हैं कि पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार चुनाव के दौरान भितरघात करने वाले नेता-कार्यकर्ताओं की जानकारी देंगे, तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह से कांग्रेस में भी चुनाव के दौरान पार्टी विरोधियों में संलग्र नेताओं-कार्यकर्ताओं की सूची बनाई जा रही है। इसके साथ कांग्रेस में खुलकर सामने आए विरोधियों की जानकारी कांग्रेस हाईकमान को पहुंचा दी गई है। अब पार्टी में भितरघातियों का पता लगाया जा रहा है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार 3 दिसंबर की मतगणना के बाद पार्टी इन भितरघातियों के खिलाफ एक्शन ले सकती है। 

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