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महाराष्ट्र में 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी BJP, शिवसेना शिंदे गुट 10 और अजित पवार को…

मुंबई: लोकसभा चुनाव को लेकर महाराष्ट्र में बीजेपी और NDA के सहयोगी दलों शिवसेना (शिंदे गुट)-एनसीपी (अजित पवार) गुट के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो चुका है. महाराष्ट्र की 48 सीटों के बंटवारे को लेकर गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) दो दिन से राज्य के दौरे पर थे. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, तीनों दलों के बीच 32-10-6 का फॉर्मूला तय हुआ है. इसके तहत बीजेपी (BJP) राज्य की 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. जबकि शिवसेना (शिंदे गुट) को 12 और एनसीपी (अजित पवार) गुट को 6 सीटें ऑफर की गई हैं. बुधवार को अमित शाह की मौजूदगी में मुंबई के सह्याद्रि गेस्ट हाउस में हुई बैठक में यह सहमति बनी है. हालांकि, BJP की केंद्रीय चुनाव समिति के बैठक के बाद राज्य में सीट शेयरिंग पर आधिकारिक घोषणा की जाएगी.

केंद्रीय गृह अमित शाह के दौरे से पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ने 22 सीटों की मांग की थी. जबकि अजित पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने 18 सीटों पर दावा जताया था. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, महायुति में सीट शेयरिंग का पेंच सुलझने के बाद अब बीजेपी महाराष्ट्र के लिए लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों का ऐलान कर सकती है.

दूसरी ओर, महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग को लेकर बुधवार को महाविकास अघाड़ी (MVA) की भी मुंबई में मीटिंग हुई. इसमें शरद पवार, उद्धव ठाकरे, और प्रकाश अंबेडकर शामिल हुए. कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने बताया कि बैठक सकारात्मक रही. उम्मीद है कि नतीजे भी ऐसे ही होंगे. सीटों के बंटवारें को लेकर अगली बैठक की तारीख का ऐलान जल्द होगा.


इससे पहले सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि महाराष्ट्र में INDIA की तीन पार्टियां कांग्रेस, एनसीपी शरदचंद्र पवार और शिवसेना (UBT) 20-18-10 के फॉर्मूले पर चुनाव लड़ सकती है. उद्धव ठाकरे की शिवसेना 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. कांग्रेस को 18 और शरद पवार की NCP को 10 सीटों का ऑफर है. इसके साथ ही क्षेत्रीय पार्टी वंचित बहुजन अगाड़ी (VBA) को शिवसेना (उद्धव गुट) के हिस्से से 2 सीटें मिलेंगी. VBA ने पहले 5 सीटों की मांग की थी.


महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर भी 2019 में चुनाव हुए थे. तब शिवसेना और बीजेपी साथ थे. बीजेपी 106 विधायकों के साथ राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनी. शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत मिली. लेकिन सीएम पद को लेकर दोनों दलों में मतभेद सामने आ गए. शिवसेना ने ढाई-ढाई साल के लिए CM के फॉर्मूले का दांव चला, जिसे बीजेपी ने खारिज कर दिया. इसके बाद उद्धव ठाकरे ने बीजेपी से 25 साल का रिश्ता तोड़ दिया. उन्होंने कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन करके सरकार बना ली और खुद सीएम बन गए.


इसके बाद जून 2022 में एकनाथ शिंदे और शिवसेना के 39 अन्य विधायकों ने महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी, जिससे शिवसेना के दो हिस्से हो गए. लिहाजा महाविकास अघाड़ी गठबंधन सरकार गिर गई. बाद में एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली और खुद सीएम बने. फिर जुलाई 2023 में शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने भी बगावत कर दी. अब अजित पवार राज्य के डिप्टी सीएम हैं. उन्हें चुनाव आयोग की ओर से एनसीपी का नाम और निशान इस्तेमाल करने का अधिकार भी मिल चुका है.

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