सियासी गलियारा

लोकसभा में भले कमजोर हुई भाजपा, राज्यसभा में बढ़ेगी ताकत

लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को भले ही फायदा नहीं हुआ हो, लेकिन अब जो राज्यसभा के उपचुनाव होने वाले है उनमें बड़े फायदे के आसार बन रहे हैं। सासदों के चुनाव जीतने के कारण राज्यसभा की 10 सीटें खाली हो गई हैं। अब इन सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, जिनमें एनडीए को भारी सफलता मिलने की उम्मीद है। ये सभी 10 की 10 सीटें एनडीए के हिस्से में जाने की संभावना है, क्योंकि इन राज्यों में एनडीए की सरकारें हैं। एक और सीट का उपचुनाव महाराष्ट्र में भी होना है। वह भी एनडीए के हिस्से में ही जाएगी।

लोकसभा चुनाव जीतने वाले राज्यसभा के 10 में से सात सांसद भाजपा के हैं। इनमें महाराष्ट्र के उदयन राजे भोंसले और पीयूष गोयल, त्रिपुरा में विप्लव देव, मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया, बिहार में विवेक ठाकुर, असम में कामाख्या प्रसाद ताशा और सर्वानंद सोनवाल शामिल हैं। भाजपा एक बार फिर इन सभी सीटों को अपने पास ही रखेगी और उसकी जीत भी लगभग तय है।

इसके अलावा राजस्थान की कांग्रेस की केसी वेणुगोपाल की सीट भी भाजपा के पास जाएगी। बिहार में राजद की मीसा भारती की खाली की हुई राज्यसभा सीट भी अब एनडीए के हिस्से में जाएगी। यह सीट जदयू के हिस्से में जा सकती है। हरियाणा में कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद चुने जाने से रिक्त हुई सीट पर राज्य में भाजपा की सरकार होने से उसे मिलने की संभावना है, लेकिन राज्य में जिस तरह से जजपा के समर्थन वापस लेने के बाद भाजपा सरकार निर्दलीय विधायकों के भरोसे पर चल रही है, उसे देखते हुए यहां पर चुनाव की स्थिति भी बन सकती है।

महाराष्ट्र की एक और राज्यसभा सीट के उपचुनाव में एनडीए को ही जीत मिलेगी। यह सीट प्रफुल्ल पटेल के पिछले कार्यकाल के पूरा होने से पहले ही इस्तीफा देने से रिक्त हुई थी। बाद में प्रफुल्ल पटेल पूरे कार्यकाल वाली सीट से चुनकर राज्यसभा में आए थे। इसी सीट पर एनसीपी नेता अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को उतारा गया है। उनकी जीत भी सुनिश्चित है। उदयन राजे भोंसले की रिक्त हुई सीट भी अजित पवार के हिस्से में जा सकती है, क्योंकि लोकसभा चुनाव के साथ सीटों के समझौते में भाजपा ने एनसीपी से एक सीट ज्यादा ली थी।

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