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इस्तीफे के बाद चंपाई सोरेन को कुरेद रही BJP, कहा- कुछ तो होगा

रांची. झारखंड में 5 महीने बाद एक बार फिर सरकार का नेतृत्व बदलने जा रहा है। चंपाई सोरेन के इस्तीफे के बाद एक बार फिर हेमंत सोरेन सीएम की कुर्सी पर बैठने जा रहे हैं। इस बीच भाजपा का दावा है कि चंपाई को उनकी मर्जी के खिलाफ हटाया गया है। भाजपा चंपाई को कुरेदने में जुट गई है। पार्टी को उम्मीद है कि नए घटनाक्रम के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा में असंतोष के सुर भी उठ सकते हैं।

बुधवार को रांची में गठबंधन विधायकों की बैठक में हेमंत सोरेन को एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया। इसी के साथ यह भी फैसला हो गया कि चंपाई सोरेन को इस्तीफा देना होगा। चर्चा है कि चंपाई बैठक के दौरान भावुक हो गए थे। ऐसे में उनकी नारजगी की अटकलें भी लगाईं जा रही हैं। गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि झारखंड के आंदोलनकारी नेता को रुलाया गया। उन्होंने यह भी दावा किया है कि झामुमो कार्यकर्ता चंपाई को हटाए जाने से नाराज हैं।

दुबे ने एक्स पर लिखा, ‘झारखंड आंदोलनकारी नेता चंपाई सोरेन जी को कल विधायक दल की बैठक में रुलाया गया, झारखंड के नए मुख्यमंत्री के सिपाहसालार गढवा नरेश के साथ झड़प? क्या यही झारखंड की संस्कृति है। आदिवासियों के सम्मान में बाबूलाल मरांडी जी मैदान में।’ इससे पहले झामुमो में मतभेद उभरने की आशंका जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, ‘आंदोलन की उपज मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन जी के साथ झामुमो गलत कर रही है, आज मेरे लोकसभा गोड्डा के झामुमो कार्यकर्ता मर्माहत हैं वे लगातार मुझसे मिलकर अपनी पार्टी की परेशानी बता रहे हैं। कुछ तो होगा।’

टाइगर को चूहा बना दिया: मरांडी
झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबू लाल मरांडी ने भी चंपाई को हटाए जाने को लेकर हेमंत सोरेन पर जोरदार हमला किया है। उन्होंने कहा, ‘जेएमएम ने कोल्हान के टाइगर को चूहा बना दिया। परिवार से ऊपर उठकर मुख्यमंत्री चुनने की बात करने वाले जेएमएम का असली चेहरा उजागर हो गया है।’

झामुमो का पलटवार
भाजपा की ओर से लगाए जा रहे आरोपों पर झामुमो ने जोरदार पलटवार किया है। झारखंड भाजपा के एक पोस्ट पर जवाब देते हुए झामुमो ने लिखा, ’31 जनवरी 2024 के अपने पाप को याद करो भाज पार्टी (झाविमो) वालों। याद करो की तुमने सत्ता के गुरूर में कितने पाप किए, कैसे। झारखंडियों द्वारा चुने हुए मुख्यमंत्री को झूठा मुद्दा बना कर कैसे अपदस्थ किया गया। कैसे उन्हें राज भवन के पिछले रास्ते से ले जा कर जेल भेज दिया? कैसे जेल जाते हुए अपने बच्चों से भी मिलने नहीं दिया है? आखिर किस बात की जल्दी थी – तुम सब को? किस बात का इतना डर है हेमंत जी से ? पर ये डर देख अच्छा लगा।’

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