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मुख्यमंत्री कन्यादान योजना को लेकर बड़ी अपडेट! विवाह कार्यक्रमों को अधिक व्यवस्थित और गरिमामय बनाने के लिए सरकार ने लिया ये अहम फैसला

भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार की बहुचर्चित मुख्यमंत्री कन्यादान योजना को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। अब सरकार ने सामूहिक विवाह कार्यक्रमों को और अधिक व्यवस्थित और गरिमामय बनाने के लिए एक अहम फैसला लिया है। कैबिनेट की बैठक में इस पर विस्तार से चर्चा की गई और नई गाइडलाइन जारी की गई है। 

15 मई तक रजिस्ट्रेशन पर कोई असर नहीं

कैबिनेट की जानकारी के मुताबिक 15 मई 2025 तक हुए सभी रजिस्ट्रेशन पुराने नियमों के मुताबिक ही मान्य होंगे। यानी उन पर नई गाइडलाइन लागू नहीं होगी। लेकिन 15 मई के बाद होने वाले सभी सामूहिक विवाह कार्यक्रमों पर यह नया नियम लागू होगा। एक बार में 11 से 200 जोड़े ही कर सकेंगे विवाह: सरकार ने स्पष्ट किया है कि अब सामूहिक विवाह आयोजन में न्यूनतम 11 और अधिकतम 200 जोड़े ही विवाह कर सकेंगे। इसके पीछे मकसद यह है कि कार्यक्रम को मेले जैसा रूप देने की बजाय सांस्कृतिक और पारिवारिक माहौल में संपन्न कराया जा सके।

अब शादी में मिलेगा असली आनंद

सरकार का मानना ​​है कि सामूहिक विवाह में जब जोड़े बहुत ज्यादा हो जाते हैं तो न तो व्यवस्था संभाली जा पाती है और न ही विवाह करने वाले जोड़े और उनके परिवार के सदस्य विवाह का आनंद ले पाते हैं। इसलिए यह नया फैसला लिया गया है ताकि विवाह समारोह गरिमामय, सम्मानजनक और व्यवस्थित हो।

क्या है योजना?

मध्य प्रदेश सरकार ने वर्ष 2006 में ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना’ शुरू की थी। इस योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों की बेटियों की शादी में आर्थिक सहायता प्रदान करना है ताकि उनका विवाह सम्मानजनक तरीके से हो सके और परिवार पर बोझ न बने।

मुख्य उद्देश्य:

  • गरीब परिवारों की बेटियों की शादी में मदद करना
  • सम्मान के साथ विवाह संपन्न कराना
  • दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराइयों पर अंकुश लगाना
  • महिलाओं को सशक्त बनाना और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना
  • सामूहिक विवाह को बढ़ावा देकर खर्च कम करना
  • मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के लाभ
  • सरकार द्वारा कुल 55,000 रुपये की सहायता
  • वधू के नाम से अकाउंट पेयी चेक के रूप में 11,000 रुपये
  • 38,000 रुपये का घरेलू सामान
  • सामूहिक विवाह के आयोजन के लिए आयोजक को 6,000 रुपये

योजना का लाभ कौन उठा सकता है?

  • लड़की मध्य प्रदेश की निवासी होनी चाहिए
  • लड़की की आयु कम से कम 18 वर्ष और लड़के की आयु 21 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए
  • तलाकशुदा या विधवा महिलाएं भी पात्र हैं (प्रमाण पत्र आवश्यक)
  • आय सीमा अब हटा दी गई है
  • विवाह सामूहिक विवाह समारोह में ही करना होगा

इन महिलाओं को नहीं मिलेगा योजना का लाभ योजना

  • अनिवासी लड़कियाँ
  • 18 वर्ष से कम आयु की लड़कियाँ
  • जिनका विवाह तय तिथि पर सामूहिक विवाह के बजाय अलग से होता है

योजना के अंतर्गत क्या-क्या वस्तुएँ प्रदान की जाती हैं?:

सामग्री मानक

1 उज्ज्वला योजना के अंतर्गत एलपीजी कनेक्शन और चूल्हा
2 32 इंच का रंगीन टीवी आईएसआई मार्क
3 रेडियो आईएसआई मार्क
4 स्टील की अलमारी (5.5 फीट) 20 गेज
5 टेबल के साथ 6 कुर्सियों का सेट आईएसआई मार्क
6 बिस्तर (4×6 फीट) मजबूत निर्माण
7 रजाई, गद्दा, तकिया, चादर कपास की मोटाई 3.5 इंच
8 चांदी के आभूषण (पायल, पैर की अंगूठियाँ, मंगलसूत्र आदि) 70% शुद्ध चांदी
9 सिलाई मशीन आईएसआई मार्क
10 टेबल फैन आईएसआई मार्क
11 दीवार घड़ी आईएसआई मार्क
12 डाइनिंग टेबल (6 कुर्सियों के साथ) आईएसआई मार्क
13 51 स्टील के बर्तनों का सेट 20 गेज
14 प्रेशर कुकर आईएसआई मार्क
15 दुल्हन के कपड़े और मेकअप का सामान अच्छा गुणवत्ता

आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड (वर-वधू और माता-पिता का)
  • जन्म प्रमाण पत्र (लड़के और लड़की का)
  • समग्र आईडी नंबर
  • जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
  • लड़की का बैंक खाता विवरण
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • मोबाइल नंबर
  • मृत्यु प्रमाण पत्र (यदि विधवा है)
  • तलाक के कागजात (यदि तलाकशुदा है)
  • श्रमिक कार्ड (यदि पंजीकृत श्रमिक है)

आवेदन कैसे करें? चरण-1

  • सामूहिक विवाह की निर्धारित तिथि से 15 दिन पहले आवेदन करें
  • नगर निगम या जिला पंचायत से फॉर्म लें या ऑनलाइन डाउनलोड करें
  • परिशिष्ट-1 में दिए गए फॉर्म को भरें और दस्तावेजों के साथ जमा करें

चरण-2

  • समिति सभी आवेदनों की जांच करेगी
  • पात्र/अपात्र जोड़ों की सूची विवाह पोर्टल पर जारी की जाएगी
  • चयनित जोड़ों को मिलेगा आदेश
  • अपात्र जोड़ों को दी जाएगी सूचना
  • अपात्र दुल्हनें 30 दिन के भीतर अपील कर सकती हैं
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