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Big Breaking : मक्का में अब तक 1300 हाजियों की मौत, गर्मी से बेहोश होकर गिर रहे लोग

सऊदी अरब में चल रही हज यात्रा पर गए जायरिनों (हज करने वालों) को भीषण गर्मी का कहर झेलना पड़ रहा है। सऊदी अरब ने अब हज यात्रा के दौरान मौतों के आंकड़े को अपडेट किया है, जिसके अनुसार अब तक 1300 हाजियों की गर्मी के चलते मौत हो चुकी है। अहम बात यह है कि मरने वालों में से ज्यादातर लोग ऐसे हैं, जो आधिकारिक अनुमति के बिना ही आए थे।

सऊदी प्रेस एजेंसी की रिपोर्ट ने लिखा, ‘दुखद है कि हज के दौरान मौतों का आंकड़ा बढ़कर 1,301 हो गया है। इनमें से 83 फीसदी ऐसे लोग थे, जो बिना परमिशन के ही हज यात्रा पर पहुंचे थे। ये लोग तीखी धूप में पैदल ही लंबी यात्रा कर रहे थे। इसी के चलते मौतें हुई हैं।’

इससे पहले बीते सप्ताह एएफपी ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि अब तक 1100 लोगों की हज यात्रा में मौत हो चुकी है। हज में मरने वाले लोगों में सबसे ज्यादा 658 की संख्या मिस्र के लोगों की है। इनमें से 630 बिना परमिशन के ही पहुंचे थे। रविवार तक सऊदी सरकार ने आधिकारिक तौर पर हज के दौरान मौतों की जानकारी नहीं दी थी। हालांकि सऊदी सरकार ने माना था कि 15 और 16 जून को हज यात्रा पर सबसे ज्यादा भीड़ थी और इस दौरान 577 लोगों की मौत हो गई। ये मौतें तब हुईं, जब हाजी शैतान को पत्थर मारने रस्म अदा कर रहे थे।

वहीं सऊदी अरब के हेल्थ मिनिस्टर फाहद अल-जलाजेल ने रविवार को कहा कि इस साल हज यात्रा सफल रही है। उन्होंने कहा कि हमारे ओर से पूरे प्रयास हुए हैं कि लोगों को अत्यधिक गर्मी को लेकर जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि हम दुआ करते हैं कि मृतकों को अल्लाह माफ करेगा और उन्हें जन्नत नसीब होगी। इस्लाम के 5 सिद्धांतों में से एक हज भी है। मान्यता के अनुसार अपनी जिंदगी में कम से कम एक बार किसी मुसलमान को हज जरूर करना चाहिए। आमतौर पर 15 से 20 लाख लोग हर साल हज यात्रा पर जाते हैं। इस साल यह संख्या 18 लाख की है। इनमें से 16 लाख लोग विदेशों से ही सऊदी अरब पहुंचे हैं। 

मक्का में 52 डिग्री तापमान और भारी भीड़ ने बढ़ा दी मुश्किल

इस साल मुश्किल यह है कि मक्का में तापमान 52 डिग्री सेल्सियस तक है। इतनी भीषण गर्मी में खुली धूप में पैदल चलना लोगों को परेशान कर रहा है। हज यात्रा से भारत लौटे कई जायरिनों ने भी बताया कि वहां धूप और गर्मी के चलते लोग बेहोश होकर गिर जा रहे हैं। इस बीच सऊदी प्रशासन का कहना है कि मरने वाले लोगों में उनकी संख्या अधिक है, जो किसी और काम से सऊदी अरब आए थे। लेकिन अब बिना अनुमति के ही हज यात्रा में हिस्सा ले रहे हैं। इन लोगों में मिस्र से आए लोगों की संख्या अधिक है।

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