सियासी गलियारा

BJP को बड़ा झटका, छिटक गया पुराना साथी; BJD बोली- विपक्ष के साथ

भुवनेश्वर. संसद में स्पीकर के चुनाव से पहले विपक्ष को एक और पार्टी का साथ मिल गया है। ओडिशा विधानसभा और लोकसभा में हार के बाद नवीन पटनायक की बीजू जनता दल ने कहा है कि वह विपक्ष का साथ देगी। बता दें कि पीएम मोदी के पिछले दो कार्यकाल में बीजेडी संसद में बीजेपी के साथ खड़ी रहती थी। राज्यसभा में भी अगर किसी विधेयक को पास करने के लिए संख्याबल की कमी होती थी तो बीजेडी एनडीए का साथ देती थी। हालांकि इस बार ओ़डिशा चुनाव में बीजेपी और बीजेडी का गठबंधन नहीं हो पाया। इसके बाद बीजेपी ने विधानसभा में भी नवीन पटनायक को मात दे दी। 

भुवनेश्वर में सोमवार को नवीन पटनायक ने अपने 9 राज्यसभा सांसदों के साथ बैठक की। इसके बाद पार्टी की तरफ से जारी बयान में कहा गया, राज्य के विकास के लिए सभी मामले बीजेडी केंद्र सरकार के सामने रखेगी। अब तक बहुत सारी मांगें पूरी नहीं हो पाई हैं। हम लोग संसद में 4.5 करोड़ ओडिशा के लोगों की आवाज बनेंगे। बता दें कि बीते 10 साल में बीजेडी ने कई बार सरकार का बाहर से समर्थन किया है। एक बार बीजेपी की दिवंगत नेता सुषमा स्वराज ने कहा था कि बीजेपी के अलग होने का पछतावा एक दिन नवीन पटनायक को जरूर होगा। 

हाल ही में दिल्ली सर्विस बिल को बास करने में बीजेडी ने बीजेपी का साथ दिया था। इसके अलावा तीन तलाक और जम्मू-कश्मीर पुनर्संगठन विधेयक पर भी बीजेडी सरकार के साथ खड़ी थी। वहीं बीजेडी अब ओडिशा के लिए जो मांगें कर रही है उनमें राज्य को विशेष दर्जा, गरीबों को शिक्षा और घर, हाइवे निर्माण और एम्स जैसे संस्थानों का निर्माण शामिल है। पार्टी ने एमएसपी का भी मुद्दा उठाया है। इसके अलावा राज्य की आदिवासियों की लिस्ट में 162 समुदायों को शामिल करने की भी मांग की गई है। 

बता दें कि ओडिशा विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेडी 147 में से केवल 51 सीटें ही जीत पाई। उससे पहले बीजेडी के खाते में 112 सीटें आई थीं। वहीं 78 सीटों के साथ बीजेपी ने ओडिशा में अपनी सरकार बना ली है। पहली बार ऐसा हुआ है  जब नवीन पटनायक के नेतृत्व में ओडिशा में बीजेडी की सरकार नहीं बन पाई। 2019 में बीजेडी के 12 लोकसभा सांसद थे। अब उसके पास राज्यसभा में केवल 9 सांसद हैं। वहीं 2026 में यह संख्या आधी हो जाएगी। 

बीजेडी नेता सस्मित पात्रा ने कहा कि नवीन पटनायक ने साफ निर्देश दिया है कि राज्य के लोगों के हित में लड़ाई लड़ी जाए। बीजेपी को अब समर्थन नहीं मिलेगा। केवल विपक्ष का साथ दिया जाएगा। बता दें कि चुनाव में बीजेडी इंडिया गठबंधन के समर्थन में भी नहीं थी। जब नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन का संयोजन कर रहे थे तो उन्होंने नवीन पटनायक से मुलाकात की थी। हालांकि उन्होंने कोई वादा नहीं किया था। 

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