छत्तीसगढ़ में अडाणी काे पावर कंपनी का तगड़ा झटका
रायपुर. छत्तीसगढ़ में गाैतम अडाणी की कंपनी काे छत्तीसगढ़ राज्य पावर कंपनी ने बड़ा झटका दे दिया है।दरअसल में अपने राज्य में लगने वाले स्मार्ट मीटर के काम से अडाणी कंपनी अब पूरी तरह से आउट हो गई है। 16 साै करोड़ का एक टेंडर पिछले छह माह से फंसा हुआ था, लेकिन अब इसका मामला पूरी तरह से सुलझ गया है। इसका टेंडर भी जीनस कंपनी को मिला है। जीनस कंपनी को ही बिलासपुर और सरगुजा संभाग का भी टेंडर पहले मिला है।
पावर कंपनी ने चार हजार करोड़ का काम होने के कारण तीन हिस्सों में टेंडर किया था। रायपुर संभाग बड़ा होने के कारण उसे अलग संभाग रखा गया और इसका टेंडर 16 सौ करोड़ का किया गया। इसका काम टाटा को मिला है। बिलासपुर-अंबिकापुर संभाग का काम जीनस कंपनी को मिला है। इसके बाद दुर्ग संभाग के साथ बस्तर संभाग और पावर कंपनी के राजनांदगांव संभाग को मिलाया गया। इसका टेंडर भी 16 सौ करोड़ का किया गया था। इसमें एकमात्र अडाणी निविदा होने के कारण इसका टेंडर रद्द कर दिया गया। इसका री-टेंडर किया गया, लेकिन इस बार भी इसमें अडाणी के अलावा किसी दूसरी कंपनी ने रुचि नहीं दिखाई है। तय तिथि 10 मई तक महज अडाणी की ही निविदा होने के कारण पहले इसकी तिथि 25 मई की गई, लेकिन इसके बाद भी और कोई निविदा नहीं आने पर फिर से इसकी तिथि बढ़ाकर 9 जून की गई, लेकिन फिर भी कोई और कंपनी नहीं आई है तो इसकी तिथि फिर बढ़ाई गई। इसी तरह से लगातार तिथि बढ़ती गई। छह बार तिथि बढ़ाने के बाद अगस्त में इसका तकनीकी बीड खोल गया, लेकिन रेट बीड फंसा रहा।
रेड बीड अब फाइनल
इस संभाग के टेंडर का रेट बीड पिछले दो माह से अधूरे दस्तावेजों के कारण उलझा हुआ था। इस टेंडर में अडाणी के जीनस पॉवर और टेक्नो इलेक्ट्रो इंजीनियरिंग दिल्ली की कंपनी के टेंडर भरा था। तकनीकी बीड खोलने के बाद रेट बीड के लिए इन कंपनियों के दस्तावेजों को खंगालने का काम पॉवर कंपनी ने दो माह तक किया, तब जाकर अब काम पूरा हो सका है। जीनस कंपनी के एल-वन होने के कारण उसको फाइनल कर दिया गया है। ऐसे में सभी संभागों का टेंडर फाइनल हो गया है।
गुढ़ियारी में बनेगा कंट्रोल रूम
तीनों हिस्सों का टेंडर फाइनल होने के बाद अब स्मार्ट मीटर लगाने का काम प्रारंभ होगा। लेकिन इसके पहले गुढ़ियारी में इसके लिए कंट्रोल रूम बनेगा। इसके लिए स्थान तय कर दिया गया है। इसको बनाने का काम पॉवर कंपनी कर रही है। स्थान बनाकर कंपनियों को कंट्रोल रूम बनाने सौंपा जाएगा। कंट्रोल रूम बनने के बाद ही मीटर लगेंगे।