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बलौदाबाजार : हिंसा की बड़ी तैयारियों से अंजान रहा प्रशासन, उपद्रवी भारी मात्रा में कर रहे थे पेट्रोल-डीजल का संग्रह

बलौदाबाजार। छत्‍तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिला मुख्यालय में 10 जून को हुई हिंसा के बाद दूसरे दिन प्रशासनिक अमला मुस्तैद नजर आया। पुलिसकर्मी गांव-गांव में लोगों से बात कर जानकारी जुटाते रहे। यह पूरी प्रक्रिया संवाद सूत्रों को विकसित करने के लिए की गई। हिंसा को लेकर प्रारंभिक रूप से ये माना जा रहा है कि पुलिस-प्रशासन के द्वारा हालात को गंभीरता को समझने में चूक हुई।

पुलिस के पास यह सूचना भी नहीं थी कि प्रदर्शनकारी हिंसा की बड़ी तैयारी के साथ आ रहे हैं। प्रशासन का पूरा तंत्र इस कार्यक्रम को लेकर पूरी तरह से अनभिज्ञ था और 10 हजार के लगभग की भीड़ को रोकने और संभालने के लिए सिर्फ 450 का पुलिस बल लगाया था, जो कहीं से भी पर्याप्त नहीं था। वहीं, घटना के बाद बलौदाबाजार शहर में 16 जून तक धारा 144 लागू कर दी गई है।

कलेक्टर केएल चौहान ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि आयोजनकर्ताओं द्वारा एक दिन पूर्व रात तक सिर्फ धन्यवाद ज्ञापित करने की बात कही गई थी और शहर के गार्डन चौक तक आकर ज्ञापन सौंपने की बात की थी।

उन्होंने हिंसा और उपद्रव के बाद कहा कि वीडियो फुटेज से उपद्रवियों की पहचान कर गिरफ्तारी की जा रही है। अब तक लगभग 200 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है। साइबर सेल की सहायता से मोबाइल फोन के माध्यम से भी लोगों को चिन्हित किया जा रहा। आयोजक मंडल के भी कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। मंगलवार शाम पांच बजे कलेक्टर ने प्रेस कांफ्रेस बुलाई थी, जो लगभग पांच मिनट में खत्म हो गई।

जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, बलौदा बाजार के दशहरा मैदान में धरना प्रदर्शन का आयोजन का जिम्मा भीम क्रांतिवीर अध्यक्ष किशोर नवरंगे, प्रगतिशील सतनामी समाज के दीपक घृतलहरे, प्रगतिशील सतनामी समाज युवा प्रदेश अध्यक्ष मोहन बंजारे इसी संगठन के युवा प्रकोष्ठ के सुशील बंजारे, सतनाम सेवा समिति के जिला अध्यक्ष जितेंद्र नवरंगे, सतनामी समाज के वरिष्ठ सदस्य ओमप्रकाश खुंटे, भुनेश्वर और भीम रेजीमेंट के दिनेश चतुर्वेदी ने लिया था।

बलौदाबाजार एसडीएम द्वारा इन्हें केवल आमसभा की अनुमति दी थी, बावजूद रैली निकाली गई। अनुमति आदेश में यह भी स्पष्ट लिखा गया है कि धरना प्रदर्शन के दौरान किसी भी शासकीय, अशासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचने पर जवाबदेही आयोजनकर्ताओं की होगी।

इस हिंसा व उपद्रव में 50 से ज्यादा लोग घायल हैं। इसमें दो दर्जन से ज्यादा पुलिस वाले और बाकी प्रदर्शनकारी और कलेक्ट्रेट, तहसील और एसपी कार्यालय में अपने काम करवाने पहुंचे लोग हैं। घायलों को जिला प्रशासन के अधिकारियों ने उपचार के लिए निजी और शासकीय अस्पताल में भर्ती करवाया है। हिंसा में घायल हुए कुछ लोगों को गंभीर चोट आई है, जिनका उपचार जारी है।

बलौदाबाजार स्थित संयुक्त जिला कार्यालय में की गई तोड़फोड़ एवं आगजनी की घटना का निरीक्षण करने उप मुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा रात्रि करीब डेढ़ बजे बलौदाबाजार कलेक्ट्रेट पहुंचे। उनके साथ खाद्य मंत्री दयालदास बघेल एव राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा भी थे।

उन्होंने कलेक्टर एवं एसपी से घटना की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने पूरे परिसर में हुई आगजनी, जिला पंचायत, कुटुंब न्यायालय एवं जनपद पंचायत कार्यालय सहित शहर का भी निरीक्षण किया। उन्होंने इस पूरे घटना पर दुःख प्रकट किया। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने के निर्देश संबधित अधिकारियों को दिए।

उपद्रव और हिंसा के दौरान रायपुर ग्रामीण के भाजपा विधायक मोतीलाल साहू के भतीजे और अन्य लोगों से मारपीट की। आरोप है कि कुछ लोगों ने इनको रोक लिया और कार से नीचे उतारकर बुरी तरह से पीटा। इसके बाद गाड़ी में भी तोड़फोड़ की गई। विधायक मोतीलाल साहू ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि, उनके परिवार के बच्चे अपने कुछ सहकर्मियों के साथ बलौदाबाजार गए थे। वो अपनी कार से यह पूछते हुए आगे बढ़ रहा था कि विरोध थम गया या नहीं। जब जानकारी मिली कि सब कुछ शांत हो चुका है। वो आगे बढ़ते जा रहा था, तभी उन पर रास्ते में हमला कर दिया गया।

इस घटना में पुलिस जवान संदीप खलको घायल हैं, उन्हें इलाज के लिए बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया है। बिलासपुर रेंज आइजी संजीव शुक्ला, कलेक्टर अवनीश शरण और एसपी रजनीश सिंह ने अस्पताल का दौरा कर खलको के स्वास्थ्य की जानकारी ली। खलको की हालत ठीक है। आइजी और कलेक्टर एसपी ने इलाज कर रहे डाक्टरों और अस्पताल प्रबंधन से भी चर्चा की और बेहतर से बेहतर इलाज करने के निर्देश दिए। डाक्टरों ने बताया की घटना में खलको के जबड़े और आंख में चोट लगी है। घायल जवान की सहायता के लिए पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी नियुक्त कर दिए हैं।

पूर्व मंत्री डा़ प्रेमसाय सिंह ने बलौदाबाजार हिंसा को लेकर कहा कि 15 दिनों पहले असामाजिक तत्वों द्वारा पवित्र जैतखाम को नुकसान पहुंचाने के मामले में त्वरित कठोर कार्रवाई की गई होती तो शायद यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना नहीं होती। उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील करते हुए कहा कि संयम और शांति बनाए रखें, कानून को हाथ में न लें। सभ्य समाज में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। बाबा साहब के बनाए कानून पर भरोसा रखे।

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