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बालको ने जिला प्रशासन के सहयोग से किया मॉक ड्रिल का आयोजन

बालकोनगर । भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने सुरक्षा और आपातकालीन तैयारी को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से ऐश डाइक के पास मॉक ड्रिल जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। यह आयोजन जिला प्रशासन के सहयोग से सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जो सुरक्षा और आपदा प्रबंधन क्षमताओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इसका उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों में त्वरित एवं समन्वित प्रतिक्रिया देने के लिए प्रशिक्षित करना था।

इस अवसर पर राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) एवं आपातकालीन अग्नि सुरक्षा, छत्तीसगढ़, जिला प्रशासन के अधिकारी, बालकोनगर पुलिस तथा बालको अस्पताल टीम और स्थानीय समुदाय के सदस्य उपस्थित रहे। मॉक ड्रिल में एक संभावित औद्योगिक दुर्घटना का अनुकरण किया गया, जिसके माध्यम से सभी सहभागियों ने आपातकालीन प्रतिक्रिया की वास्तविक प्रक्रिया का अनुभव किया।

इस अवसर पर सविता सिदार, नायब तहसीलदार ने कहा कि इस तरह की स्थिति में सभी कर्मचारियों को जागरूक और सतर्क रहना चाहिए। यह अभ्यास नियमित रूप से होना चाहिए ताकि हर कोई आपातकालीन स्थिति में सही तरीके से प्रतिक्रिया देना जानता हो। महिला और पुरुष कर्मचारी कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि ऐसी गतिविधियाँ जागरूकता बढ़ाने के साथ आम जनता को आपदा के समय आत्मनिर्भर बनाती हैं।

बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि इस मॉक ड्रिल से आपात स्थितियों में सामूहिक जागरूकता और प्रयासों के महत्व को रेखांकित किया गया। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल ना केवल सुरक्षा प्रक्रियाओं की जांच का अवसर प्रदान करती है, बल्कि इसमें सुधार के लिए आवश्यक सुझाव भी सामने आते हैं। कंपनी का लक्ष्य एक सुरक्षित और सतत औद्योगिक वातावरण सुनिश्चित करना है, जिसमें समुदाय की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है।

कंपनी लंबे समय से सामाजिक उत्तरदायित्व और सुरक्षा प्रबंधन के क्षेत्र में अग्रणी रही है। औद्योगिक विकास के साथ कंपनी समाज, पर्यावरण और कर्मचारियों की सुरक्षा और भलाई के प्रति भी पूरी तरह समर्पित है। कर्मचारियों की सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण सत्र, वर्कशॉप और सेमिनार आयोजित किए साथ ही समुदाय की भागीदारी को भी प्रोत्साहित किया गया। इस आयोजन के माध्यम से कंपनी ने संदेश दिया कि सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाना उसकी कार्य संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।

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