बीजपी में शामिल होंगे अशोक चव्हाण
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण आज बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. उन्होंने सोमवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं बाबा सिद्दीकी और मिलिंद देवड़ा के पार्टी छोड़ने के कुछ दिनों बाद चव्हाण ने कांग्रेस से इस्तीफा देने का कदम उठाया है. वहीं चव्हाण के इस्तीफ़े के बाद कांग्रेस में हलचल बढ़ गई है. प्रदेश प्रभारी रमेश चेनीथैला ने पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है. मुंबई में दो बजे प्रदेश कार्यालय में बैठक होगी. बता दें कि औपचारिक रूप से चव्हाण या भाजपा की ओर से उन खबरों की कोई पुष्टि नहीं की गई है कि 65 वर्षीय नेता को आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारा जाएगा.
चव्हाण के भाजपा में शामिल होने की चर्चा के बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा, “आगे-आगे देखो होता है क्या.” अमरावती से निर्दलीय विधायक रवि राणा ने दावा किया कि 10 से 15 विधायक अशोक चव्हाण के संपर्क में हैं. चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस छोड़ने का फैसला उनका निजी फैसला है और वह एक या दो दिन में अपने अगले कदम की घोषणा करेंगे. उन्होंने कहा, “मैंने अभी तक भाजपा में शामिल होने का कोई फैसला नहीं किया है.”
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को लिखे एक पत्र में चव्हाण ने कहा कि वह पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को भी विधायक के रूप में अपना इस्तीफा सौंपा. भोकर सीट से विधायक चव्हाण कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य भी थे. वह नांदेड़ लोकसभा क्षेत्र से पूर्व सांसद भी थे.
कांग्रस छोड़ने का फैसला निजी : अशोक चव्हाण
चव्हाण ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी में होने वाली किसी भी बात को लेकर सार्वजनिक मंच पर चर्चा नहीं करने जा रहा हूं.” यह पूछे जाने पर कि क्या वह भाजपा में शामिल होंगे, चव्हाण ने कहा, “मैंने भाजपा में शामिल होने पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है, भाजपा की कार्य प्रणाली के बारे में नहीं जानता.” उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस छोड़ने का उनका फैसला निजी है और वह इसके लिए कोई कारण नहीं बताना चाहते. चव्हाण ने उन दावों का भी खंडन किया कि संसद में पेश किए गए श्वेत पत्र ने उन्हें कांग्रेस से इस्तीफा देने के लिए प्रेरित किया. श्वेत पत्र में मुंबई में एक आवासीय सोसाइटी से संबंधित आदर्श सोसाइटी घोटाले का उल्लेख किया गया है, जिसके कारण चव्हाण को 2010 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में पद छोड़ना पड़ा था. क्या कांग्रेस के और नेता भी उनके नक्श-ए-कदम पर इस्तीफा देंगे, यह पूछे जाने पर चव्हाण ने कहा कि उन्होंने किसी भी कांग्रेस नेता या विधायक से संपर्क नहीं किया है.
उन्होंने कहा, “ऐसे बहुत से लोग हैं जो मुझसे प्यार करते हैं और मेरा समर्थन करते हैं. उन्होंने मुझसे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन मैं जवाब नहीं दे सका. मैंने आज जो निर्णय लिया है, उसे बदला नहीं जाएगा. मुझे नहीं पता कि अन्य विधायक या कांग्रेस नेता क्या सोचेंगे या क्या करेंगे. मैंने उनमें से किसी से भी संपर्क नहीं किया है.” पिछले कुछ महीनों से ऐसी खबरें आ रही थीं कि चव्हाण कांग्रेस छोड़ देंगे, इसलिए उनके इस्तीफे की खबर राज्य के पार्टी नेताओं के लिए पूरी तरह से आश्चर्यचकित करने वाली नहीं थी. यह पूछे जाने पर कि उन्होंने कब पद छोड़ने का फैसला किया, चव्हाण ने कहा, “हर चीज बताने की जरूरत नहीं है”. इस बीच, राणा ने दावा किया कि 15 फरवरी को अमित शाह की पूर्वी महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र की यात्रा के दौरान ऐसे और “भूकंप” आएंगे. उन्होंने यह भी दावा किया कि “भूकंप” शिव सेना (यूबीटी) और राकांपा (शरदचंद्र पवार) को भी हिला देगा. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस की तिवसा विधायक और पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर भी भाजपा के संपर्क में हैं हालांकि ठाकुर ने इस दावे का खंडन किया.
मतदाता सबक सिखाएंगे : पृथ्वीराज चव्हाण
चव्हाण के कांग्रेस से इस्तीफा देने पर पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, “मतदाता उन लोगों को सबक सिखाएंगे जिन्होंने उन्हें छोड़ दिया.” वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि वह उस मजबूरी से अनजान थे, जिसके कारण अशोक चव्हाण ने कांग्रेस छोड़ी. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है. कभी नहीं सोचा था कि उनके जैसा व्यक्ति ऐसा कदम उठाएगा.”चव्हाण मराठवाड़ा क्षेत्र के नांदेड़ जिले के रहने वाले हैं. उनके पिता दिवंगत शंकरराव चव्हाण भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे.
जयराम रमेश ने नाम लिए बिना कहा- विश्वासघातियों….
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अशोक चव्हाण का नाम लिए बिना कहा, ‘‘इन विश्वासघातियों को इस बात का अहसास नहीं है कि उनके बाहर निकलने से उन लोगों के लिए बड़े पैमाने पर नए अवसर खुलेंगे जिनके विकास को उन्होंने हमेशा अवरुद्ध किया.”
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “जब मित्र और सहकर्मी उस राजनीतिक दल को छोड़ देते हैं जिसने उन्हें बहुत कुछ दिया है – शायद उससे भी अधिक जिसके वे हकदार थे, तो यह हमेशा पीड़ा का विषय होता है, लेकिन जो लोग असुरक्षित महसूस करते हैं, उनके लिए वह ‘वॉशिंग मशीन’ हमेशा वैचारिक प्रतिबद्धता या व्यक्तिग वफादारी से अधिक आकर्षक साबित होगी.” वहीं शिवसेना (UBT) संजय राउत ने कहा कि इस बात पर यकीन करना मुश्किल है कि अशोक चव्हाण भाजपा में शामिल हो गए हैं. वह कल तक हमारे साथ थे और चर्चा कर रहे थे. क्या एकनाथ शिंदे और अजित पवार की तरह अब चव्हाण भी कांग्रेस पर दावा ठोकेंगे और उन्हें पार्टी का चुनाव चिन्ह मिलेगा? हमारे देश में कुछ भी हो सकता है.”