गौतम गंभीर को एक और झटका, फील्डिंग कोच के लिए बीसीसीआई ने ठुकराया जोंटी रोड्स का नाम
नई दिल्ली. बीसीसीआई द्वारा गौतम गंभीर को भारत का नया मुख्य कोच नियुक्त करने के बाद अब सारा ध्यान सहयोगी स्टाफ पर है। गंभीर के साथ अगले 5 सालों तक बैटिंग, फील्डिंग से लेकर बॉलिंग कोच कौन होगा ये सबसे बड़ा सवाल है। राहुल द्रविड़ के साथ भारतीय बैटिंग कोच विक्रम राठौर, बॉलिंग कोच पारस म्हाम्ब्रे और फील्डिंग कोच टी दिलीप का कार्यकाल भी टी20 विश्व कप के साथ समाप्त हो गया। ऐसे में टीम इंडिया को नए सपोर्ट स्टाफ की तलाश है।
आम तौर पर बीसीसीआई मुख्य कोच को अपना खुद का सहयोगी स्टाफ चुनने की आजादी देता है, गंभीर के लिए भी यह अलग नहीं होगा। लेकिन पूर्व भारतीय ओपनर की बॉलिंग कोच और फील्डिंग कोच के रूप में पहली पसंद को बोर्ड ने ठुकरा दिया है। गंभीर ने पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आर विनय कुमार को गेंदबाजी कोच बनाने में रुचि दिखाई थी, लेकिन बोर्ड उनके लिए बहुत उत्सुक नहीं था।
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार अब बोर्ड ने फील्डिंग कोच के रूप में गंभीर की पसंद जॉन्टी रोड्स को भी ठुकरा दिया है। रोड्स की साख पर कोई संदेह नहीं है। उनकी गिनती आज भी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फील्डर्स में की जाती है। इसके अलावा, दक्षिण अफ्रीकी दिग्गज आईपीएल में विभिन्न टीमों से जुड़े रहे हैं। उन्होंने लखनऊ सुपर जायंट्स में गंभीर के साथ काम किया है। लेकिन बीसीसीआई सपोर्ट स्टाफ में किसी विदेशी को नियुक्त करने के लिए उत्सुक नहीं है। पिछले सात सालों से भारत पूरी तरह से देशी सपोर्ट स्टाफ के साथ काम कर रहा है और बोर्ड इसमें बदलाव नहीं करना चाहता है।
सूत्रों ने बताया कि रोड्स के नाम पर चर्चा हुई थी, लेकिन बोर्ड ने भारतीय सपोर्ट स्टाफ को ही रखने का फैसला किया है। ऐसे में टी दिलीप के लिए फिर से दरवाजे खुल गए हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान भारतीय टीम के साथ सराहनीय काम किया। पिछले कोचिंग स्टाफ के किसी सदस्य का अगले मुख्य कोच के साथ बने रहना भी कोई नई बात नहीं है। राठौर 2019 वनडे विश्व कप के बाद संजय बांगर की जगह रवि शास्त्री की कोचिंग टीम में शामिल हुए और द्रविड़ के कार्यकाल तक बने रहे थे।