आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने पीएम मोदी से मुलाकात की.
हैदराबाद: कुछ ही हफ्तों में होने वाले लोकसभा चुनाव और इसके साथ होने वाले राज्य के चुनाव से पहले ऐसा लगता है कि सत्तारूढ़ बीजेपी दिल्ली में ‘स्वयंवर’ करा रही है. लगता है बीजेपी आंध्र प्रदेश में अपना ‘साथी’ चुनने में जुट गई है. तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू के गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के 24 घंटे से भी कम समय के बाद मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी भी दिल्ली पहुंच गए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की.
घोषित तौर पर रेड्डी उनकी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी की लंबे समय से चली आ रही आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे की मांग, केंद्रीय निधि और अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी से मिले. हालांकि विश्लेषकों का कहना है कि बैठक से संकेत मिलता है कि बीजेपी अपनी रिवायत के मुताबिक ‘देखो और प्रतीक्षा करो’ मोड में है. वह चुनाव से पहले किसी भी पार्टी के लिए प्रतिबद्ध होने (या तटस्थ रहने) से पहले अपने विकल्पों पर विचार कर रही है.
सबसे अधिक संभावना है कि बीजेपी और वाईएसआरसीपी या टीडीपी (जो राज्य में पवन कल्याण की पार्टी जन सेना के साथ है, और जो कि एनडीए गठबंधन में बीजेपी के साथ है) के बीच अनौपचारिक गठजोड़ हो. क्षेत्रीय दलों को औपचारिक गठजोड़ से अल्पसंख्यक वोट खोने का खतरा रहता है.
दिलचस्प बात यह है कि न तो जगन मोहन रेड्डी और न ही चंद्रबाबू नायडू चाहते हैं कि ‘स्वयंवर’ के तहत कोई ‘सार्वजनिक विवाह’ समारोह हो. निजी तौर पर हाथ मिलाना ही ‘पसंद’ का परिणाम हो सकता है.