भारतीय शहरों में खुलेंगे अमेरिकी वाणिज्य दूतावास
नई दिल्ली : बीजेपी के अमृतसर से उम्मीदवार तरनजीत सिंह संधू नया वादा करने में सबसे आगे हैं. उन्होंने बेंगलुरु के साथ अमृतसर में भी अमेरिकी वाणिज्य दूतावासलाने का वादा किया है. दूतावास के वादे की सबसे पहले बात बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने की थी. पूर्व राजनयिक तरणजीत सिंह संधू ने लोकसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. 61 साल के संधू ने अपना नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले एक रोड शो किया, जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर उनके साथ थे.
एस जयशंकर ने कहा कि, “अगर हम भारत-अमेरिका संबंधों को देखें, तो वे तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. हमारा समुदाय वहां बढ़ रहा है. आज दोनों देशों के बीच बहुत अधिक व्यापार है. इसलिए मुझे लगता है कि भविष्य में यहां और अधिक वाणिज्य दूतावास खुलेंगे. और हम यह देखेंगे कि अमृतसर के लिए यह मामला कौन आगे बढ़ाता है.”
एस जयशंकर ने अपने ठीक बगल में बैठे संधू की ओर इंगित करते हुए कहा, “इसलिए यदि आप सही आदमी को रखते हैं…आपको देखना होगा कि अमृतसर के मामले की वकालत कौन कर रहा है.”
अमेरिका में पूर्व राजदूत संधू ने सिएटल में भारतीय वाणिज्य दूतावास खोलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. यह न्यूयॉर्क, शिकागो, ह्यूस्टन, अटलांटा और सैन फ्रांसिस्को के बाद छठा दूतावास है.
मार्च में बीजेपी में शामिल हुए थे संधू
संधू ने कहा था कि, “मैंने निश्चित रूप से राजदूत गार्सेटी से बात की है, और मुझे पता है कि वह सकारात्मक रूप से इसकी सिफारिश करेंगे. मैंने डॉ जयशंकर से भी बात की है. वह भी इस बारे में सकारात्मक रहे हैं. ऐसे आंकड़े हैं जो इसका समर्थन करते हैं.” मार्च में बीजेपी में शामिल हुए संधू ने अप्रैल में WION को दिए एक इंटरव्यू में यह बात कही थी.
संधू ने अमेरिका में भारत के दूत के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान दोनों देशों के बीच कई प्रमुख डील में अहम भूमिका निभाई थी. इसमें भारतीय वायु सेना के लिए लड़ाकू जेट इंजन बनाने के लिए अमेरिकी दिग्गज जीई के साथ सौदा भी शामिल था.
बेंगलुरु में तेजस्वी सूर्या का वादा
तेजस्वी सूर्या ने नौ अप्रैल को एक पोस्ट में लिखा था कि, “2000 के दशक की शुरुआत से बेंगलुरु में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास की मांग लंबे समय से चली आ रही है. बेंगलुरु के कई निवासी मुंबई, चेन्नई, कोलकाता या हैदराबाद की यात्रा करते हैं, वीज़ा अनुमोदन के लिए 30,000 रुपये से 60,000 रुपये और 2-3 दिन खर्च करते हैं. ऐसा नहीं हो कि किसी भी कन्नडिगा को आगे बढ़ने में परेशानी हो. यह मेरी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक था कि बेंगलुरु जैसे शहर को एक अमेरिकी वाणिज्य दूतावास मिलना चाहिए, और मैं अपने पहले कार्यकाल के भीतर इस वादे को पूरा करके खुश हूं.”