प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी संभव कदम उठा रहे, दिल्ली में हवा की हालत पर NGT ने सुनाया
नई दिल्ली. यह टिप्पणी करते हुए कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता में कोई खास सुधार नहीं दिख रहा है, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कहा कि अथॉरिटीज की इस बात को यह स्वीकार करना मुश्किल है कि वे प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी संभव कदम उठा रहे हैं। प्रदूषण से लोगों की सेहत पर गंभीर असर पड़ने की रिपोर्ट पर ध्यान में रखकर बेंच ने सोमवार को निर्देश दिया कि शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कदम उठाएं।
9-19 नवंबर के बीच एक्यूआई को जांचते हुए जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की अगुआई वाली बेंच ने कहा, ‘पिछले 11 दिनों में वायु गुणवत्ता तीन दिन ‘गंभीर’ श्रेणी में रहा। 5 दिन ‘बहुत खराब’ और तीन दिन ‘खराब’ श्रेणी में था। इस तरह हम हवा की गुणवत्ता में कोई खास सुधार नहीं देख रहे हैं।’
8 नवंबर को हुई पिछली सुनवाई पर ट्रिब्यूनल ने 7 नवंबर तक के एक्यूआई पर विचार किया था। तब एनजीटी ने यह भी कहा था कि सुधार की बजाय वायु गुणवत्ता बद से बदतर हो गया, बहुत खराब से गंभीर श्रेणी में पहुंच गया।बेंच ने दिल्ली सरकार, सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड और कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट इन नेशनल कैपिटल रीजन की रिपोर्ट को भी ध्यान में रखा।
एनजीटी ने सभी एजेंसियों को उठाए गए कदमों का ब्योरा एक सप्ताह बाद पेश करने का निर्देश देते हुए कहा, ‘मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अस्थमा के मरीज, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं खासतौर पर जटिलताओं और स्वास्थ्य संबंधी जोखिम का सामना करन रहे हैं। इस मानवीय स्वास्थ्य पहली को ध्यान में रखकर अथॉरिटीज से अपेक्षा की जाती है कि वे हवा में सुधार के लिए संभव सर्वोत्तम कदम उठाएं।’