भारत

ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर की राजधानी बनने जा रहा है भारत – मनसुख मांडविया

नई दिल्ली । भारत जल्द ही “ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर की राजधानी” बनने जा रहा है। देश में इस समय 1,700 से ज्यादा ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स हैं जिनमें 20 लाख से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं। यह संख्या 2030 तक काफी बढ़ने की उम्मीद है। ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर  नई टेक्नोलॉजी जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स, रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन, साइबरसिक्योरिटी, ब्लॉकचेन और वर्चुअल रियलिटी का इस्तेमाल करके नवाचार और रोजगार के नए अवसर पैदा कर रहे हैं।
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि शिक्षा और रोजगार के बीच की खाई को पाटने के लिए स्किल डेवलपमेंट (कौशल विकास) बहुत जरूरी है । उन्होंने कहा “हम भारत को एक ग्लोबल टैलेंट हब बना रहे हैं, जहां इनोवेशन और प्रैक्टिकल स्किल्स को बढ़ावा दिया जा रहा है। म्यूचुअल रिकग्निशन ऑफ स्किल्स एंड स्टैंडर्ड्स’ जैसी पहलें दुनिया में वर्कफोर्स की कमी को दूर करने में मदद करेंगी।” डॉ. मांडविया ने यह भी कहा कि उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों को साथ मिलकर भारत की जरूरतों के मुताबिक स्किल डेवलपमेंट मॉडल बनाना चाहिए। उन्होंने कहा, “स्किलिंग का मकसद केवल सर्टिफिकेट देना नहीं बल्कि लोगों को उद्योग और स्वरोजगार के लिए व्यावहारिक ज्ञान से लैस करना होना चाहिए।

Show More

Related Articles

Back to top button