डॉन मुख्तार अंसारी के निधन के बाद, अब बीवी की बारी! अफसा अंसारी पर 50 हजार रुपये का इनाम, कोर्ट से वारंट भी जारी

मऊ : माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के निधन के बाद भी उनके परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब कानूनी कार्रवाई का चक्र उनकी पत्नी अफसा अंसारी पर तेजी से घूम रहा है। बीते 24 घंटे में दो बड़े झटके अफसा अंसारी को लगे हैं। एक ओर गाजीपुर पुलिस ने उन पर घोषित इनाम की राशि बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी है, तो दूसरी ओर मऊ जिले की अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया है।
मऊ की जिला अदालत ने थाना दक्षिण टोला में दर्ज केस संख्या 129/2020 के मामले में यह सख्त कार्रवाई की है। इस केस में अफसा अंसारी पर गंभीर आपराधिक आरोप हैं, लेकिन वह अब तक न तो अदालत में पेश हुईं और न ही अपना बयान दर्ज कराया। अदालत ने उनकी लगातार गैरहाजिरी को गंभीरता से लेते हुए सीआरपीसी की धारा 299 के तहत उन्हें फरार अभियुक्त घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
अब अफसा अंसारी का नाम मकरूल रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। यह रजिस्टर उन आरोपियों की सूची होती है जो लंबे समय से फरार हैं और अदालत में बार-बार बुलाने पर भी हाजिर नहीं होते। यानी अब अफसा को कानून की नजर में भगोड़ा घोषित करने की दिशा में कार्रवाई तेज हो चुकी है।
अदालत ने साफ निर्देश दिया है कि अफसा अंसारी की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए। इसी के तहत उनके खिलाफ स्थायी गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर दिया गया है। इससे पहले उन पर धारा 82 और 83 के तहत कुर्की की कार्रवाई भी की जा चुकी है, लेकिन अब यह मामला और गंभीर हो गया है। गाजीपुर पुलिस ने भी सख्ती दिखाते हुए इनाम की राशि बढ़ा दी है, जो पहले से घोषित थी लेकिन अब 50,000 रुपये कर दी गई है।
क्षेत्राधिकारी नगर अंजनी कुमार पांडे ने बताया कि कोर्ट के निर्देशों के अनुसार पूरी कानूनी प्रक्रिया तेज कर दी गई है। अफसा अंसारी पर पहले भी इनाम घोषित था, लेकिन अब उनके फरार रहने के चलते उन्हें ‘मकरूल’ घोषित करने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। प्रशासन अब किसी भी तरह की ढिलाई के मूड में नहीं दिख रहा।
मुख्तार अंसारी की मौत के बाद से ही उनके परिवार के कई सदस्य जांच एजेंसियों के रडार पर हैं। अब अफसा अंसारी को लेकर जिस तरह की सख्त कार्रवाई हो रही है, उसने समर्थकों के बीच हड़कंप मचा दिया है। यह साफ संकेत है कि शासन और प्रशासन अब माफिया से जुड़े किसी भी व्यक्ति को राहत देने के मूड में नहीं हैं।