हमर छत्तीसगढ़

जंगल सफारी में 17 हिरणों की मौत के बाद पर्यटकों के लिए बाड़ा बंद, सभी जानवरों की जांच शुरू

रायपुर ।  मानव निर्मित जंगल सफारी में पांच दिनों में 17 हिरणों (चौसिंगा) की मौत होने से हड़कंप मचा हुआ है। अब प्रबंधन ने संक्रमण के डर से पर्यटकों के लिए हिरण बाड़े को बंद कर दिया है, जबकि पर्यटक जू और सफारी के अन्य बाड़ों में घूम सकते हैं। मरने वाले हिरणों की उम्र तीन माह से तीन वर्ष थी। दूसरी ओर अभी तक पता नहीं चल पाया है कि हिरणों की मौत किस वजह से हुई है।

हालांकि जंगल सफारी प्रबंधन ने मौत की वजह जानने के लिए हिरणों का बिसरा और खून जांच के लिए सैंपल आइवीआरआइ बरेली (उप्र) और देहरादून और अंजोरा (दुर्ग) के लैब भेजा है, लेकिन तीनों लैब से अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है कि आखिर इन हिरणों की मौत कैसी हुई है, जबकि वन अधिकारियों का कहना है कि हिरणों की मौत संक्रमण फैलने से हुई है। रिपोर्ट का इंतजार है। उसके आने के बाद ही पुष्टि हो पाएगी हिरणों की मौत किस कारण से हुई है।

हिरणों की मौत होने के बाद हरकत में आए जंगल सफारी प्रबंधन द्वारा प्रदेश के अलग-अलग जगहों से डाक्टर बुलाकर सभी वन्यप्राणियों की स्वास्थ्य की जांच करवाई जा रही है। डाक्टरों की टीम दुर्ग, मरवाही समेत अन्य जगहों से 10 से अधिक संख्या में जंगल सफारी में ही है। इसके अलावा अन्य प्रांत से एक्सपर्ट बुलाने की तैयारी में भी है।

जंगल सफारी के डायरेक्टर हेमंत पाहरे ने मामले में गंभीर लापरवाही बरतने वाले डा. राकेश वर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। मामले की पड़ताल करने के बाद जिम्मेदारी तय की जाएगी। उसके बाद लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ विभागीय सख्ती से कार्रवाई होगी।

चौसिंगा की मौत मामले में शुक्रवार को चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन सुधीर अग्रवाल जंगल सफारी पहुंचे। उन्होंने सफारी प्रबंधन से चौसिंगा की मौत की वजह जानने के अलावा अब तक की कार्रवाई के बारे में जानकारी ली। उनके मुताबिक शाकाहारी वन्यजीवों के बाड़े में घास की ज्यादा पैदावार करने के लिए हाल-फिलहाल में वहां पर नई मिट्टी डाली गई थी। आशंका है कि उस नई मिट्टी में मौजूद बैक्टीरिया से चौसिंगा की मौत हुई होगी। फिलहाल ऐहतियात के तौर पर नई मिट्टी वाले स्थान को ग्रीन नेट से घेराबंदी कर दिया गया, ताकि अन्य वन्यप्राणी बैक्टीरिया की चपेट में आने से बच सके।

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