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आखिर क्या है चुनावी बॉन्ड का यूनिक कोड, जानें…
नई दिल्ली. 15 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड मामले में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को फटकार लगाते हुए कहा कि बैंक हर बॉन्ड पर लिखे यूनीक अल्फान्यूमेरिक कोड की जानकारी भी चुनाव आयोग को दे।
अभी SBI ने जो जानकारी दी है उसमें केवल दानदाताओं और राजनीतिक पार्टियों के नाम हैं, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो रहा कि किसने किस पार्टी को चंदा दिया है।
आइए समझते हैं कि ये यूनीक कोड क्या है:
यूनीक कोड:
- SBI द्वारा जारी किए गए हर चुनावी बॉन्ड पर एक यूनीक अल्फान्यूमेरिक (संख्या और अक्षरों से बना) कोड छपा होता है, जो नग्न आंखों से दिखाई नहीं देता।
- इसे केवल अल्ट्रावायलेट किरणों में देखा जा सकता है।
काम:
- इस कोड का उपयोग बॉन्ड के जरिए दान देने वाली कंपनी/व्यक्ति और बॉन्ड भुनाने वाली राजनीतिक पार्टी से मिलान करने के लिए किया जा सकता है।
- इससे यह जानकारी सामने आ सकती है कि किस कंपनी ने किस पार्टी को चंदा दिया।
SBI का कहना है:
- बैंक के पास दानकर्ता या राजनीतिक पार्टी के लिए संख्या का कोई रिकॉर्ड नहीं होता है।
- यह केवल एक सुरक्षा का तरीका है और इससे दानकर्ता और पार्टी का पता नहीं लगाया जा सकता।
यूनीक कोड से क्या पता चलेगा:
- यह पता चलेगा कि किसी खास बॉन्ड को किसने और किसके लिए खरीदा।
- यह स्पष्ट हो जाएगा कि किस कंपनी, संस्था या व्यक्ति ने किस राजनीतिक पार्टी को कितना चंदा दिया है।
विशेषज्ञों का कहना है:
- चुनावी बॉन्ड में यूनीक कोड जैसा कुछ नहीं होता है।
- यह केवल सुरक्षा के लिए होता है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि नकली चुनावी बॉन्ड चलन में न आए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा:
- बैंक ने 15 फरवरी के फैसले में दिए गए निर्देशों का पालन नहीं किया है।
- बैंक ने केवल खरीदे गए और भुनाए गए बांडों की संख्या का खुलासा क्यों किया?
- बैंक को चुनावी बॉन्ड के सभी विवरणों का खुलासा करना होगा, जिसमें यूनीक कोड भी शामिल है।