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भूख से नहीं तड़पेंगे अफगान, लहलहा उठेगी फसल; भारत ने भेजीं कीटनाशक दवाएं

काबुल. लंबे समय से हिंसा और आतंकवाद का शिकार रहा भारत का पड़ोसी देश अफगानिस्तान मौजूदा वक्त में भी भुखमरी से जूझ रहा है। इसकी मुख्य वजह फसलों की बर्बादी है। अब एक बार फिर से भारत ने अफगानिस्तान की मदद के लिए कदम आगे बढ़ाया है। ट्रकों में भरकर अनाज भेजने के बाद अब भारत ने अब कीटनाशक दवाएं भेजी हैं ताकि फसलों को सुरक्षित रखा जा सके।

इकॉनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने ईरान के चाबहार बंदरगाह के जरिए अफगानिस्तान को 40,000 लीटर मैलाथियान भेजा है। मैलाथियान एक कीटनाशक दवा है। इस दवा का इस्तेमाल आमतौर पर मच्छरों और विभिन्न प्रकार के कीड़ों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है जो फलों, सब्जियों, पौधों और झाड़ियों पर हमला करते हैं। इस कीटनाशक दवा का इस्तेमाल टिड्डियों के खतरे से लड़ने के लिए ज्यादातर किया जाता है। 

खास बात ये है कि मैलाथियान एक ईको-फ्रेंडली कीटनाशक है और सूखे इलाकों के लिए सबसे ज्यादा सही मानी जाती है। अफगान कृषि और सिंचाई मंत्रालय के अनुसार, भारत की ये मदद अफगानिस्तान और मध्य एशिया में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। अफगान मंत्रालय ने भारत के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि भारत की मदद से देश के भीतर टिड्डियों से लड़ने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान से आने वाली टिड्डियों को अब रोका जा सकेगा।

गौरतलब है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी के जाने और तालिबान की वापसी के बाद से भारत वहां के लोगों की लगातार मदद कर रहा है। भोजन की गंभीर समस्या से जूझ रहे अफगानिस्तान को भारत ने कई टन गेहूं सप्लाई किया है। भारत सरकार ने अफगानिस्तान के भीतर लोगों को गेहूं देने के लिए संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के साथ साझेदारी की है।

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