विपक्ष को नसीहत और आपातकाल का जिक्र, संसद सत्र से पहले क्या बोले PM नरेंद्र मोदी
लोकसभा चुनाव के बाद पहले संसद सत्र का आयोजन आज से शुरू हो रहा है। इससे पहले पीएम मोदी ने मीडिया से बात की और कहा कि पहली बार नई संसद में शपथ समारोह होगा। आज का दिन गौरव का है। दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव अच्छे से संपन्न होना हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है। करीब 65 करोड़ लोगों ने मतदान में हिस्सा लिया। यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आजादी के बाद दूसरी बार किसी सरकार को लगातार तीसरी बार सेवा करने के लिए देश की जनता ने अवसर दिया। यह अवसर 60 साल के बाद आया है। देश की जनता ने जब तीसरे कार्यकाल के लिए एक सरकार को पसंद किया है तो इसका अर्थ है कि उसकी नीयत और नीतियों पर मुहर लगाई है।
पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता विपक्ष से अच्छे काम की उम्मीद करती है। हमें भऱोसा है कि वे लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखेंगे और जनता के मुद्दे को उठाएंगे। इस दौरान उन्होंने 25 जून, 1975 को आपातकाल लगाए जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कल 25 जून है। पीएम मोदी बोले, ‘भारत के संविधान और लोकतंत्र में निष्ठा रखने वाले लोगों के लिए 25 जून न भूलने वाला दिवस है। इसी दिन भारत के लोकतंत्र को काला धब्बा लगा था और उसके 50 साल हो रहे हैं। भारत की नई पीढ़ी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था। लोकतंत्र को पूरी तरह दबोचा गया था और देश को ही जेल बना दिया गया था। इमरजेंसी के 50 साल इस संकल्प के हैं कि फिर कोई ऐसी हिम्मत न कर सके, जो 50 साल पहले की गई थी।’
पीएम मोदी ने कहा कि हम मानते हैं कि सरकार चलाने के लिए बहुमत होता है, लेकिन देश चलाने के लिए सहमति जरूरी है। हमारा प्रयास रहेगा कि सभी को साथ लेकर मां भारती की सेवा करें। हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं। संविधान की मर्यादाओं का पालन करते हुए निर्णयों को गति देना चाहते हैं। 18वीं लोकसभा में युवा सांसदों की संख्या अच्छी है। हम जब 18 की बात करते हैं तो भारत की परंपराओं को जो जानते हैं, उनको पता है कि हमारे यहां 18 अंक का बहुत सात्विक मूल्य है। गीता के 18 अध्याय हैं। कर्म, कर्तव्य और करुणा का संदेश हमें वहां से मिलता है। पुराणों की संख्या भी 18 है। उन्होंने कहा कि 18 का मूलांक 9 है और यह पूर्णता का प्रतीक है।