हमर छत्तीसगढ़
आचार्य विद्या सागर महाराज इन दिनों अपनी अहिंसा यात्रा में, गोपाष्टमी के दिन कामधेनू माता सौम्या को णमोकार सुनाया मंत्र
खैरागढ़ । गौशाला के मेनेजिंग ट्रस्टी अखिल जैन पदम डाकलिया ने आचार्य विद्या सागर को कामधेनू माता के सभी लक्षणों के बारे में बताया। आचार्य विद्या सागर ने कामधेनू माता को बहुत दुर्लभ बताया और कहा की यह अमृत प्रदान करने वाली गौ माता है। उन्होंने मनोहर गौशाला में नेत्र विहीन गौ माता की सेवा को देखकर बोले की यह अद्भुत सेवा प्रशंसनीय है। उन्होंने ट्रस्ट के सभी सदस्यों की सराहना करते हुए गौशाला प्रबंधन की अनुमोदना की। वहां की साफ सफाई देखकर बोले इस प्रकार की सेवा मन को भाव विभोर कर देती है। गौशाला में बन रहे गौ मुत्र से निर्मित फसल अमृत की सराहना करते हुए आपने कहा की गौ मूत्र सबसे उत्कृष्ट तरल पदार्थ है जिसका उपयोग धरती एवम मानव स्वास्थ दोनो को बैलेंस करता है। यह आत्म निर्भर गौशाला हेतु अच्छा विकल्प है।