छत्तीसगढ़ में मतांतरण रोकने बनेगा कानून, इसी सत्र में विधेयक लाएगी सरका
रायपुर। प्रदेश में मतांतरण रोकने सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है। छत्तीसगढ़ विधानसभा में धर्मस्व व संस्कृति विभाग के अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान विभागीय मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में मतांतरण के कई मामले दर्ज किए गए। बस्तर सहित कई जिलों में जबरदस्ती लोगों को मतांतरण कराया गया। सरकार इस दिशा में कड़े कानून लाने जा रही है। इसी विधानसभा सत्र में धर्म स्वतंत्र विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा।
इस विधेयक का उद्देश्य प्रदेश में मतांतरण के मामलों में कमी लाना व दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करना है। गौरतलब है कि प्रदेश में छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम-2006 के प्रविधान हैं, लेकिन इसे सख्त बनाने की तैयारी चल रही है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक विधानसभा में प्रस्तुत होने वाले विधेयक में 10 साल तक की सजा का प्रविधान भी शामिल किया जा सकता है।
अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि हम कल्चर कनेक्ट योजना ला रहे हैं।अयोध्या,तिरुपति और पूरी में छत्तीसगढ़ धाम बनाएंगे। पांच शक्ति पीठ की परियोजना ला रहे हैं। फिर से राजिम कुंभ कराया जाएगा। पांच साल में कितने साधु संत आए? कांग्रेस ने राजिम कुंभ की महिमा को खत्म कर दिया था।
मानसरोवर जाने वाले यात्रियों को एक लाख रुपये व सिंधु दर्शन के लिए 25 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। प्रदेश में प्रधानमंत्री लोककला महोत्सव का आयोजन होगा। पर्यटन स्थलों में गढ़ कलेवा की स्थापना की जाएगी। मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ी संस्कृति सिरपुर,रामगढ़,चंपारण की संस्कृति है। कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति को भौरा,गिल्ली डंडा तक,सोंटा तक सीमित रखा था।