हमर छत्तीसगढ़

39.10 प्रतिशत आबादी करती हैं तम्बाकू का उपयोग, बढ़ रही हैं कैंसर और अन्य गम्भीर बीमारियां

रायपुर। छतीसगढ़ में तम्बाकू नियंत्रण की नीतियों और कार्यक्रमों के प्रभावी तरीके से लागू करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा आज राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग, आबकारी विभाग, पुलिस विभाग, उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा विभाग तथा अन्य विभागों के राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया।

राज्य तंबाकू नियंत्रण इकाई छत्तीसगढ़ एवं ब्लूमबर्ग परियोजना छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में तम्बाकू नियंत्रण से संबंधित नीतियों व कार्यक्रमों को भविष्य में और अधिक प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए कार्यशाला में विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। कार्यशाला में तम्बाकू नियंत्रण से जुड़े अधिकारियों को कोटपा एक्ट 2003 एवं कोटपा छत्तीसगढ़ (संशोधन) एक्ट 2021 एवं ई सिगरेट प्रतिबंध एक्ट 2019 के प्रावधानों की जानकारी देकर अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।

सह उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित


राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन ने बताया कि तम्बाकू की लत छुड़ाने के लिए सभी जिला चिकित्सालयों में तम्बाकू नशा मुक्ति केंद्र संचालित हैं। राज्य की कुल 39.10 प्रतिशत आबादी तम्बाकू का उपयोग करती है। इससे कैंसर और अन्य गम्भीर बीमारियां बढ़ रही हैं। उन्होंने आगे बताया कि ना सिर्फ धूम्रपान करने वाला व्यक्ति बल्कि धूम्रपान नहीं करने वाले व्यक्ति को भी गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है। इसलिए हमें टीसीसी सेंटर (तंबाकू नशामुक्ति केन्द्र) में बेहतर काउंसिलिंग करने, वहां आने वाले लोगों का लगातार फॉलोअप करने और उनके परिवार के लोगों को भी तंबाकू की लत को छोडऩे के लिए प्रेरित करना जरूरी है। राज्य के विभिन्न जिलों से उपस्थित हुए प्रतिभागियों से लोगों को तंबाकू का सेवन नहीं करने के लिए जागरूक करने और उन्हें तंबाकू के सेवन को छोडऩे के लिए प्रेरित करने का आह्वान किया, ताकि राज्य में तंबाकू सेवन छोडऩे वालों की संख्या बढ़ सके।

द यूनियन संस्था के वरिष्ठ तकनीकी सलाहकार डॉ. अमित यादव ने छत्तीसगढ़ में ब्लूमबर्ग पहल परियोजना कार्यान्वयन पर तम्बाकू विज्ञापन और सचित्र स्वास्थ्य चेतावनी के उल्लंघन पर कार्रवाई और इसमें आने वाली चुनौतियों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य में द यूनियन एवं पहल फाउंडेशन के माध्यम से टोबेको मॉनिटर एप का संचालन किया जा रहा है। कार्यशाला में श्री उपेन्द्र कुमार, श्री मुकेश कुमार, श्री आशीष सिंह, श्रीमती ख्याति जैन और विभिन्न विभागों के राज्य एवं जिला स्तरीय नोडल अधिकारी उपस्थित थे।

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