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खालिस्तानी हमले में मारे थे 329 लोग, अब बरसी में भी खलल का ऐलान

कनाडा में खालिस्तान का उभार तेज हो रहा है। भारतीय कौंसुलेट के बाहर हाल ही में खालिस्तानियों ने भारत के खिलाफ एक सभा आयोजित की थी। इसके अलावा ऑपरेशन ब्लू स्टार की 40वीं बरसी के मौके पर पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या का चित्रण किया गया था। इसके चलते कनाडा में रह रहे भारतीय चिंता में हैं और वह सरकार से इसे लेकर शिकायत भी करा रहे हैं। इस बीच खालिस्तानी तत्वों की एक और तैयारी ने माहौल बिगड़ने का डर बढ़ा दिया है। खालिस्तानियों का कहना है कि वे कनाडा के अलग-अलग शहरों में रैलियां निकालेंगे और वहां अपनी एकजुटता दिखाएंगे। 

कनाडा में एयर इंडिया फ्लाइट 182 ‘कनिष्क’ पर 23 जून, 1985 को हमला हुआ था। इस हमले में 329 लोग मारे गए थे, जिसमें 86 बच्चे भी शामिल थे। कनाडा के इतिहास में यह सबसे बड़ा आतंकवादी हमला था, जिसकी हर साल बरसी मनाई जाती है। इस मौके पर भारतीय समुदाय के लोग रैलियां भी निकालते हैं। लेकिन इस साल खालिस्तानी तत्व चिंता बढ़ा रहे हैं। खालिस्तानी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस ने ऐलान किया है कि वह टोरंटो, वैंकुवर, ओटावा और मॉन्ट्रियाल में ‘खालिस्तान एकजुटता’ रैलियां निकालेंगे। ये रैलियां उन्हीं स्थानों पर निकाली जाएंगी, जहां भारतीय समुदाय के लोग बरसी पर जुटने वाले हैं और पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने वाले हैं।

खालिस्तान के इस ऐलान से भारतीय समुदाय के लोगों में रोष है। इन लोगों में से दीपक खंडेलवाल का कहना है कि कनिष्क आतंकी हमले में मैंने अपनी दो बहनों को खोया था। तब मैं 17 साल का ही थी। इस हमले में मेरी बहनें चंद्रा और मंजू मारी गई थीं। उन्होंने कहा, ‘हम देख रहे हैं कि हालात ऐसे ही हो रहे हैं, जैसे 1985 में थे। जब विमान पर बम से हमला हुआ था। ऐसा लगता है कि हम फिर से ऐसे किसी हमले का सामना कर सकते हैं, जिसमें बेगुनाह लोगों का कत्ल कर दिया जाए।’ उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना लोगों का अधिकार है, लेकिन हिंसा का समर्थन करना और उसे महिमामंडित करना गंभीर चिंता का विषय है।

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