भारत

बर्थ सर्टिफिकेट बनेगा नया ‘आधार’

नई दिल्ली । एक अक्टूबर से देश भर में बर्थ सर्टिफिकेट सिंगल डॉक्यूमेंट बन जाएगा। अगर आपके पास बर्थ सर्टिफिकेट है तो ज्यादातर जगहों पर आपको दूसरे किसी डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब तक आधार कार्ड सिंगल डॉक्यूमेंट के रूप में इस्तेमाल होता रहा है। अब ‘आधार कार्ड’ बनवाने के लिए भी बर्थ सर्टिफिकेट की जरूरत होगी।
केंद्र सरकार ने ‘जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 2023’ में संशोधन किया है। अब जन्म प्रमाण आधार कार्ड की तरह ही जरूरी दस्तावेज बन जाएगा। आज ‘टेकअवे’ में बता रहे हैं कि बर्थ सर्टिफिकेट कहां और कैसे बनवा सकते हैं।
बच्चे के जन्म के 21 दिन के अंदर बर्थ सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई करना होता है। लेकिन अगर किसी भी वजह से पेरेंट्स उस टाइम पीरियड के अंदर रजिस्ट्रेशन नहीं कराते हैं तो बाद में वो डिले रजिस्ट्रेशन प्रोविजन पंजीकरण अधिनियम की धारा 13 के तहत रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। लेकिन 21 दिन के बाद और 30 दिनों के भीतर अप्लाई करने पर 2 रुपए लेट फाइन देना होगा।
अगर आवेदक जन्म प्रमाण पत्र के लिए जन्म के 30 दिनों के बाद लेकिन जन्म के एक साल के भीतर आवेदन करता है, तो उन्हें संबंधित अधिकारी से हलफनामे के साथ लिखित अनुमति और 5 रुपए जुर्माना भरना होगा। और अगर कोई आवेदक जन्म प्रमाण पत्र बनने के एक साल के भीतर आवेदन देने में विफल रहता है, तो उन्हें वेरिफिकेशन के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज मजिस्ट्रेट के पास जमा करने होंगे और 10 रुपए लेट फाइन भरना होगा।
राज्य या शहर के आधार पर आप जन्म प्रमाणपत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं। जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए हर राज्य की अलग प्रक्रिया और अपनी वेबसाइट है। जहां इस सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई किया जा सकता है। हालांकि, सभी के नियम लगभग समान हैं। संबंधित अधिकारियों को स्टेट म्युनिसिपल काउंसिल के साथ को-ऑर्डिनेट करने की जरूरत होती है। शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य अधिकारियों, नगर स्वास्थ्य अधिकारियों या समकक्ष अधिकारियों को जन्म रजिस्ट्रार के रूप में नियुक्त किया जाता है। रेफरल अस्पताल, जिला अस्पताल या अन्य सरकारी अस्पतालों के प्रभारी या समकक्ष चिकित्सा अधिकारी को जन्म रजिस्ट्रार के रूप में नियुक्त किया जाता है।

Show More

Related Articles

Back to top button